
निगरानी, ऑडिट और कई सवाल... आखिर दिल्ली में क्यों गहराता जा रहा है निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी का विवाद
AajTak
दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस को कंट्रोल करने के लिए 1973 का दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और नियम (DSEAR) लागू है. इसके तहत, सरकारी जमीन पर चलने वाले प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय (DoE) से अनुमति लेनी होती है. स्कूलों को हर साल अप्रैल में ऑनलाइन अपनी फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव देना होता है.
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है. आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर "एजुकेशन माफिया" के साथ मिलकर माता-पिता और छात्रों का शोषण करने का आरोप लगाया है. जवाब में, दिल्ली शिक्षा विभाग के मंत्री आशीष सूद ने इस समस्या से निपटने के लिए नए कदमों की घोषणा की है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने 355 प्राइवेट स्कूलों को सरकारी जमीन दी है, जिन्हें फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा विभाग को सूचित करना होता है. लेकिन 1677 स्कूल अवैध जमीन पर चल रहे हैं, जो इस नियम के दायरे में नहीं आते. मंत्री ने कहा कि इन स्कूलों की निगरानी के लिए भी एक नया सिस्टम बनाया जा रहा है.
क्या था दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस को कंट्रोल करने के लिए 1973 का दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और नियम (DSEAR) लागू है. इसके तहत, सरकारी जमीन पर चलने वाले प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय (DoE) से अनुमति लेनी होती है. स्कूलों को हर साल अप्रैल में ऑनलाइन अपनी फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव देना होता है. अगर प्रस्ताव अधूरा हुआ तो उसे खारिज कर दिया जाता है, और बिना अनुमति फीस बढ़ाने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है. हालांकि, 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए DoE से अनुमति की जरूरत नहीं है, बशर्ते वे मुनाफाखोरी न करें. फिर भी, BJP का आरोप है कि AAP के शासन में कुछ स्कूलों ने गलत तरीके से फीस बढ़ाई.
प्राइवेट स्कूल अपनी वित्तीय स्थिति जांचने के लिए आंतरिक ऑडिट करते हैं, लेकिन इन्हें सरकार को देना अनिवार्य नहीं है. ऑडिट की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है. एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर स्कूल अपने ऑडिट में खुद को गैर-लाभकारी दिखाते हैं, लेकिन इनकी ठीक से जांच नहीं होती. दूसरी ओर, सरकारी स्कूलों में आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के ऑडिट होते हैं, जिससे उनकी पारदर्शिता ज्यादा है.
फी एनोमली कमेटी: 1990 के दशक में दुग्गल कमेटी की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार को फी एनोमली कमेटी बनाने का आदेश दिया गया था, ताकि माता-पिता फीस बढ़ोतरी के खिलाफ शिकायत कर सकें. 2017 में कोर्ट ने हर जिले में ऐसी कमेटी बनाने का निर्देश दिया, जिसमें तीन सदस्य होंगे, जिला उप शिक्षा निदेशक, जोनल उप शिक्षा अधिकारी, और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट. माता-पिता 100 रुपये के शुल्क के साथ शिकायत दर्ज कर सकते हैं. कमेटी को 90 दिनों में शिकायत का समाधान करना होता है. लेकिन यह कमेटी ज्यादातर कागजों पर ही रही, और जमीन पर इसका असर नहीं दिखा.
फी हाइक PMU: 2023 में दो प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) बनाए गए, जो प्राइवेट स्कूलों के फीस बढ़ोतरी के प्रस्तावों की जांच करते हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंट की टीमें स्कूलों के वित्तीय दस्तावेज देखती हैं और फीस बढ़ोतरी की जरूरत का आकलन करती हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.






