
नमाज पढ़ना मना, कुर्बानी देने पर रोक... पाकिस्तान में अहमदी मुसलमानों के ईद मनाने पर पाबंदी
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पाकिस्तान में अहमदी समुदाय को मुसलमान नहीं माना जाता और उनके साथ अत्याचार की खबरें आती रही हैं. अब अहमदिया मुसलमानों को ईद-उल-अजहा मनाने से रोका जा रहा है. उनके नमाज पढ़ने और कुर्बानी देने पर भी रोक लगा दी गई है.
पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों के साथ अत्याचार की खबरें आती रही है. अब अहमदिया मुसलमानों को ईद-उल-अजहा के मौके पर इस्लामी रीति-रिवाजों का पालन करने से भी रोका जा रहा है. लाहौर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (LHCBA) ने पंजाब पुलिस प्रमुख से कहा है कि वो ईद-उल-अजहा के मौके पर अहमदिया समुदाय को इस्लामी रीति-रिवाजों का पालन करने से रोकें और अगर कोई कानून का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें. अहमदिया मुसमलानों के ईद पर नमाज पढ़ने और कुर्बानी देने पर रोक लगा दी गई है.
इस संबंध में LHCBA ने पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि ईद-उल-अजहा एक पवित्र मुस्लिम त्योहार है और यह सिर्फ मुसलमानों के लिए है.
पत्र में कहा गया है कि दूसरे धर्म को मानने वालों, खासकर अहमदियों को न तो कानूनी रूप से और न ही धार्मिक रूप से इस्लामी प्रतीकों और रिवाजों का पालन करने की इजाजत है.
पत्र में आरोप लगाया गया कि गैर मुसलमान होने के बावजूद अहमदिया समुदाय के लोग अवैध तरीके से खुद को मुसलमान की तरह पेश कर रहे हैं और जिन चीजों को इस्लाम में ईशनिंदा माना जाता है, उसे भी इस्लाम के रूप में पेश कर रहे हैं.
पाकिस्तान की सरकार ने अहमदिया समुदाय के लोगों से हलफनामा भी मांगा है जिसमें समुदाय से जबरन कहलवाया गया है कि वो मुस्लिम रीति-रिवाजों का पालन नहीं करेंगे.
वहीं, पंजाब आईजीपी को लिखे पत्र में कहा गया है कि ईद-उल-अजहा के मौके पर अहमदिया समुदाय के लोग खुलेआम सभाओं के आयोजन की घोषणा कर रहे हैं, जो इस्लामी ईद की नमाज और बलिदान की रस्मों से मिलती जुलती हैं.

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