नंदीग्राम में बंगाल का सबसे बड़ा संग्राम, जानिए-बूथ स्तर पर कौन कितना मजबूत?
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नंदीग्राम टीएमसी का गढ़ रहा है, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद से समीकरण बदल गए हैं. ममता बनर्जी के लिए बीजेपी का चैलेंज बड़ा हो गया है और इसीलिए अब उन्हें एक्सट्रा जोर लगाना पड़ रहा है. जानते हैं बूथ स्तर पर कौन कितना मजबूत है.
पश्चिम बंगाल में 8 में से दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार को थम गया और अब यहां 1 अप्रैल को वोटिंग होनी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से लड़ रही हैं और उनका मुकाबला शुभेंदु अधिकारी से है जो पिछले चुनाव में साथ खड़े थे. 2016 में नंदीग्राम में बीजेपी का खाता नहीं खुला था. लेकिन बदले सियासी दौर में अब नंदीग्राम की लड़ाई सबसे बड़ी हो गई है, इसलिए आज आपको नंदीग्राम सीट का ब्लॉक लेवल का चुनावी समीकरण भी समझाएंगे. नंदीग्राम के 97 फीसदी वोटर गांव में रहते हैं. नंदीग्राम को दो ब्लॉक में बांटा गया है नंदीग्राम-1 और नंदीग्राम 2. नंदीग्राम-1 में 2 शहरी इलाके हैं, जबकि 98 गांव हैं. यहां दो लाख 7 हजार वोटर हैं, जिनमें से करीब 19 फीसदी दलित हैं और 34 फीसदी मुस्लिम हैं.पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.