'धीरज साहू खानदानी कारोबारी, ऐसा नहीं कि...', पार्टी सांसद के बचाव में उतरे तारिक अनवर
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कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा है कि धीरज साहू सांसद होने के साथ ही बड़े खानदानी कारोबारी हैं. उड़ीसा, झारखंड और फिर पश्चिम बंगाल में उनका कारोबार है. ऐसा नहीं है कि उन्होंने कोई ऐसा भ्रष्टाचार किया है. वो हिसाब देंगे कि पकड़ा गया रुपया कहां से और कैसे आया.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के घर और ठिकानों से अकूत दौलत का खजाना मिला है. नोटों की गिनती जारी है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग और सीबीआई के अधिकारियों ने अबतक 300 करोड़ रुपये बरामद किए हैं. इन सबके बीच कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने धीरज साहू का बचाव किया है.
तारिक अनवर ने कहा है कि धीरज साहू सांसद होने के साथ ही बड़े खानदानी कारोबारी हैं. ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में उनका कारोबार है. ऐसा नहीं है कि उन्होंने कोई ऐसा भ्रष्टाचार किया है. वो हिसाब देंगे कि पकड़ा गया रुपया कहां से और कैसे आया.
'अभी किसी नतीजे पर पहुंचना गलत होगा'
पार्टी से निष्कासन के सवाल पर अनवर ने कहा कि इसका फैसला हाईकमान करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि यह बात सही है जो चीजें सामने आई हैं, सीबीआई ने तमाम चीजों को जब्त किया है. इस मामले में जो कानूनी कार्रवाई होनी होगी वो होगी. मगर, अभी किसी नतीजे पर पहुंचना गलत होगा.
बताते चलें कि साहू के ठिकानों से बरामद कैश किसी भी एजेंसी द्वारा एक ही ऑपरेशन में पकड़ा गया अब तक का सबसे अधिक है. इसके अलावा 3 सूटकेस ज्वेलरी मिली है. ओडिशा में सरकारी बैंक शाखाओं में लगातार कैश जमा किया जा रहा है. ये नोट अधिकतर 500 रुपये के हैं.
कैश गिनने वाली मशीन खराब हो गई
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
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