
दिल्ली से लाहौर तक हवा गरम हो रही थी, हिंसा के बीज पड़ चुके थे... देश बंटने से ठीक पहले क्या चल रहा था?
AajTak
हमारे मुल्क भारत ने 78 साल पहले विभाजन की विभीषिका झेली थी. दो मुल्क बने भारत और पाकिस्तान, जिनकी सीमाएं तो बंट गईं लेकिन दर्द और शिकायतें आज भी जस की तस बनी हुई हैं. दोनों देश अपनी आजादी की 79वीं सालगिरह मना रहे हैं.
देश आज आजादी का जश्न मना रहा है. 78 साल पहले हुए मुल्क विभाजन की टीस बॉर्डर के इस पार और उस पार अब भी बनी हुई है. इस बंटवारे में भारत से लेकर पाकिस्तान तक हजारों-लाखों परिवार बिखर गए, कइयों ने हिंसा झेली तो कई हिंसा की आग में खत्म हो गए. कुछ बचे हुए लोगों ने टूटे सपनों के साथ और बिना अपनों के नए मुल्क में नई पहचान बनाई लेकिन विभाजन की विभीषिका आज भी दर्द देती है. आइए जानते हैं जब मुल्क बंट रहे थे तो लोगों पर क्या गुजर रही थी, बॉर्डर के दोनों ओर क्या हलचल चल रही थी?
'महाकाल की गति अति विषम है, वह घड़ी के कांटे की भांति ठीक-ठीक नपी-तुली गति से नहीं चलती... कभी वह मन्द हो जाती है, और कभी अतिभीषण तीव्र गति धारण कर लेती है... उसी के प्रभाव से व्यक्ति की भांति राष्ट्रों के जीवन का एक-एक वर्ष कभी-कभी सौ वर्षों के समान भारी हो जाता है. और कभी हंसते-खेलते ही बात-की-बात में शताब्दियां बीत जाती हैं...'
ये शब्द लेखक और विद्वान आचार्य चतुरसेन के हैं, जिन्होंने हिंसा की बुनियाद पर देश के विभाजन और भारत और पाकिस्तान नाम के दो मुल्कों की टूटती किस्मत पर आंसू बहाते हुए लिखी थी. विभाजन की ये घटना केवल दो मुल्कों के बनने की नहीं थी, बल्कि भारत माता के हृदय के दो टुकड़े होने की भी थी. क्योंकि मुल्क ऐसे ही तो नहीं बंट जाते... कि सीमाओं पर लाइन खींच दी, दीवार खड़ी कर दी गई और नया मुल्क बन गया. मुल्क के बंटवारे से पहले काफी कुछ टूटता है... पहले लोगों की भावनाएं टूटती हैं, रिश्ते टूटते हैं, एक-दूसरे को बर्दाश्त करने की हदें टूटती हैं और फिर वो जख्म पड़ जाता है जो किसी मरहम से नहीं भरता.
इतिहास के पन्ने में कई गांठें...
हमारे मुल्क भारत ने 78 साल पहले विभाजन की विभीषिका झेली थी. दो मुल्क बने भारत और पाकिस्तान. जिनकी सीमाएं तो बंट गईं लेकिन दर्द और शिकायतें आज भी जस की तस बनी हुई हैं. आज दोनों देश अपनी आजादी की 79वीं सालगिरह मना रहे हैं. कल पाकिस्तान ने जश्न मनाया तो आज भारत में हर तरफ देश की आन-बान-शान का जश्न और देशभक्ति के नारों की गूंज है. लेकिन अगर इतिहास के पन्ने पलटें तो इन मुल्कों के बनने की कहानी में कई गांठें हैं, जो न तब सुलझी थीं और अब न अब सुलझते हुए दिख रही हैं. अतीत की कई परछाइयां आज भी वहीं की वहीं अटकी हैं दोनों मुल्कों में.
भारत तब एक हुआ करता था और अंग्रेजी गुलामी से लड़ रहा था. 1940 का दशक शुरू हुआ तब आजादी की लड़ाई तेज हो रही थी. अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई तो जिन्ना जैसे कई नेताओं को अलग मुल्क में अपनी सियासी तस्वीर की नई चमक दिखने लगी. पहले ना-नुकर की लेकिन सुलह के रास्ते बंद होते देख बाद में गांधी और नेहरू ने भी देश के दो टुकड़े होने के फॉर्मूले को मानना शुरू कर दिया. पर जनता को अब भी भरोसा नहीं था कि मुल्क बंट ही जाएगा.

Delhi Traffic Advisory: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के कई मार्गों पर ट्रैफिक प्रभावित रहेगा. दिल्ली में पुतिन का आज (शुक्रवार) मुख्य कार्यक्रम है. जिसकी वजह से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कुछ मार्गों से बचने की सलाह दी गई है.

पीएम मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग... पुतिन का पूरा Super Exclusive इंटरव्यू यहां पढ़ें
क्रेमलिन में 'आजतक' को दिए Super Exclusive इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. इसके अलावा पुतिन ने ट्रंप टैरिफ, यूक्रेन जंग समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.

आजतक ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग पर खुलकर अपने विचार रखें. बातचीत के दौरान पुतिन ने भारत की जमकर तारीफ की. पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में भारत विदेशी दबाव में कभी नहीं आएगा. भारत के लोग गर्व कर सकते हैं कि उनका पीएम किसी के दबाव में नहीं आते हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आजतक की खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे रूस में gen z से जुड़ाव होता है. पुतिन ने कहा कि यह नया विषय नहीं है क्योंकि साहित्य और कला में हमेशा विरोधाभास होते रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता पर टेलीग्राम और फोन के माध्यम से काफी प्रभाव डाला जाता है. यह संवाद रूस की युवा मानसिकता और उनके माध्यमों की समझ को उजागर करता है जिससे बेहतर तरीके से जुड़ा जा सके.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन की भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. यात्रा के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. शुक्रवार को सम्मान समारोह, राजघाट पर श्रद्धांजलि, द्विपक्षीय बैठक और प्रेस बयान का कार्यक्रम तय है. दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया है.








