दिल्ली दंगे: 'बहुसंख्यकों की संपत्ति लूटना, उन्हें भगाना चाहते थे', 10 लोगों पर आरोप तय
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Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगों के 10 आरोपियों पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. आरोपियों पर आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि इनका मकसद बहुसंख्यक लोगों की संपत्ति लूटना और डरा-धमकाकर इलाके से भगाना था.
Delhi Riots 2020: कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के 10 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के बयानों से साफ होता है कि आरोपी बहुसंख्यक लोगों की संपत्ति लूटने और उन्हें इलाके से भगाने के लिए धमका रहे थे. कोर्ट ने ये भी कहा आरोपी दूसरे समुदायों के मन में डर और दहशत पैदा करना चाहते थे.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.