
दिल्ली के अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस, केजरीवाल सरकार ने अदालत में दी है चुनौती
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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग पर अगले सोमवार यानी 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. कोर्ट ने आज की सुनवाई के दौरान स्टे नहीं दिया, आज सिर्फ नोटिस जारी किया है. अदालत ने इस दौरान उपराज्यपाल को भी पक्षकार बनाने की इजाजत देते हुए उन्हें भी नोटिस भेजा है.
दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी केन्द्र सरकार के अध्यादेश को दिल्ली सरकार ने संवैधानिक चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने की गुहार टालते हुए नोटिस जारी किया है. बताते चलें कि कोर्ट अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग पर अगले सोमवार यानी 17 जुलाई को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने आज की सुनवाई के दौरान स्टे नहीं दिया, आज सिर्फ नोटिस जारी किया है. दिल्ली में अध्यादेश के साथ-साथ अनुबंध के आधार पर दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में सलाहकार और फेलो के रूप में नियुक्त किए गए 400 से ज्यादा लोगों को हटाने के आदेश पर रोक लगाने की मांग फिलहाल टालते हुए कहा कि अगले सोमवार को दोनों मुद्दों पर सुनवाई करेंगे.
'सुपर CM की तरह काम कर रहे LG'
आज की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग की. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी गुहार लगाई है कि LG सुपर चीफ मिनिस्टर की तरह काम कर रहे हैं.
कोर्ट ने LG को भी भेजा नोटिस
कोर्ट ने याचिका में सुधार कर उपराज्यपाल को भी पक्षकार बनाने की इजाजत देते हुए लगे हाथ उनको भी नोटिस भेज दिया. उपराज्यपाल की ओर से भी अर्जी दाखिल कर उनको भी पक्षकार बनाने की अपील की गई है. मामले पर सुनवाई करते हुए CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. साथ ही अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद तय करने को कहा.
केंद्र ने किया संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघनः दिल्ली सरकार

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