दिल्ली: किसान आंदोलन के 100 दिन, बहुत कुछ बदला पर नहीं बदला किसानों का रुख
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दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए हैं. इन 100 दिनों में मौसम से लेकर हालात सब कुछ बदल गए, लेकिन आंदोलन तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद अब भी बदस्तूर चल रहा है. बहुत कुछ बदल गया, लेकिन किसानों का रुख अभी भी नहीं बदला है.
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर से लेकर टीकरी बॉर्डर और यहां तक कि गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा अब भी है. कभी टेंट बढ़ते तो कभी घटते हैं, कभी ट्रैक्टरों की संख्या बढ़ जाती तो कभी घट जाती है, किसानों की तादाद भी घटती-बढ़ती रहती है, आंदोलन की रूपरेखा भी पहले दिन से 100वें दिन तक काफी कुछ बदल गई, लेकिन एक बात जो नहीं बदली, वो है किसानों का रुख, जो अब भी कहते हैं कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाती, तब तक वो बॉर्डर खाली नहीं करेंगे. उतार-चढ़ाव से भरे इस आंदोलन के लिए कई तारीखें इतिहास में दर्ज हो गई हैं. जब आंदोलन खत्म होगा तो देश के इतिहास में लगातार चले आंदोलनों में सबसे लंबे समय तक चलने वालों में इसकी गिनती होनी भी तय है. इस आंदोलन की कुछ अहम तारीखें भी रहीं. किसान आंदोलन की कुछ ऐसी ही तारीखों के जरिए हम अब तक के आंदोलन की तस्वीर ताजा कर रहे हैं.More Related News
पीएम किसान सम्मान निधि योजना को 24 फरवरी 2019 को किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को सालाना 6,000 रुपए देती है. PM Kisan Scheme के तहत प्रति लाभार्थी किसान को 3 बार में 2-2 हजार रुपए करके खाते में भेजे जाते हैं.