दिल्ली कांग्रेस का दो दिवसीय चिंतन शिविर, मगर चिंतित नहीं दिख रहे नेता...सीनियर लीडर गायब
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दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने चिंतन शिविर में दिग्गज नेताओं के नहीं पहुंचने पर बचाव किया और कहा कि हो सकता है नेता पार्टी के कामों में व्यस्त होंगे.
हाशिये पर जा चुकी दिल्ली कांग्रेस दो दिन का चिंतन शिविर कर रही है, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके. लेकिन संगठन की मजबूती को लेकर दिल्ली कांग्रेस के नेता कितने चिंतित हैं, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि चिंतन शिविर में ना तो पूर्व मंत्री नजर आए, ना ही कई सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष...
दिग्गज नेता शिविर से गायब मौका था फर्श पर जा चुकी कांग्रेस को अर्श पर लाने के लिए चिंतन करने का, मौका था गुटबाजी को बातचीत कर खत्म करने का. लेकिन चिंतन करें तो करें किसके साथ. क्योंकि चिंतन शिविर में ना पूर्व मंत्री अजय माकन, ना अरविंद सिंह लवली, ना रामकांत गौसमी, ना किरण वालिया, ना मंगत राम सिंगल और ना ही पूर्व संसद संदीप दीक्षित, जय प्रकाश अग्रवाल, महाबल मिश्र, जगदीश टाइटलर, कृष्णा तीरथ के साथ-साथ इक्का दुक्का विधायक को छोड़ कोई नहीं पहुंचा.
हालांकि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी इन नेताओं के नहीं पहुंचने पर बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा कि हो सकता है नेता पार्टी के कामों में व्यस्त होंगे. ये शिविर कार्यकर्ता के मनोबल को लेकर है ताकि कार्यकर्ता नेताओं के सामने अपनी बात रख सकें. लेकिन सवाल तो ये है कि जब नेता ही नहीं पहुंचे तो कार्यकर्ता अपनी बात, अपनी नाराजगी किसके सामने रखें.
नहीं मिला मजबूत उम्मीदवार
एक वक्त था जब दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली में तूती बोलती थी. जिस दिल्ली पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 15 साल राज किया उस दिल्ली को लेकर कांग्रेस नेता शायद चिंतन भी करना सही नहीं समझ रहे. आपसी गुटबाज़ी एक बार फिर दिल्ली कांग्रेस में साफ नजर आ रही है. कांग्रेस की ये स्थिति तब है, जब दिल्ली की राजेंद्र नगर विद्यानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है.
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