
'दाल में कुछ काला है...', धनखड़ के इस्तीफे पर खड़गे का सवाल, विपक्ष बोला– सच सामने लाए सरकार
AajTak
कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा, भारतीय जनता पार्टी आदतन और इरादतन संविधान और संवैधानिक पदों का अपमान करती रही है. देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा इसका ताजा उदाहरण है. उन्होंने त्यागपत्र दिया है या लिया गया.
उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा दिए जाने के बाद सियासी माहौल गरम है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे साजिश की आशंका जताई है. उन्होंने कहा, सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने (धनखड़) इस्तीफा क्यों दिया? मुझे तो 'दाल में कुछ काला' नजर आ रहा है. उनकी सेहत बिल्कुल ठीक है. वे हमेशा RSS और BJP का बचाव करते थे, जितना बीजेपी खुद नहीं करती थी. वो तो बीजेपी-आरएसएस के लॉयल थे. फिर क्यों ऐसा हुआ. इसका जवाब बीजेपी दे. उनके इस्तीफे के पीछे कौन है और क्या वजह है, यह देश को जानना चाहिए.
दरअसल, राज्यसभा में कई बार ऐसे मौके आए, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ खड़गे का टकराव देखने को मिला.
प्रमोद तिवारी क्या बोले...
कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा, भारतीय जनता पार्टी आदतन और इरादतन संविधान और संवैधानिक पदों का अपमान करती रही है. देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा इसका ताजा उदाहरण है. उन्होंने त्यागपत्र दिया है या लिया गया... प्रधानमंत्री जी का ट्वीट ही सारी कहानी बयां कर देता है.
गहलोत ने कहा- ये BJP-RSS का खेल है...
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा, जगदीप धनखड़ का इस्तीफा RSS-BJP का खेल है. अलग-अलग कहानियां बाहर आ रही हैं. सच्चाई अगर कोई बताएगा नहीं तो कैसे पता चलेगी. धनखड़ साहब को पता होगा या मोहन भागवत को पता होगा या मोदी जी को पता होगा. ये मामूली घटना नहीं है. बिना कारण के उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया. स्वास्थ का कारण लगता ही नहीं है. मैं नहीं मान सकता कि स्वास्थ को लेकर इस्तीफा दिया होगा. कारण कोई और ही लगता है. वो कारण किसी दिन जरूर बाहर आएगा. आरएसएस और बीजेपी का खेल है. उन्होंने ही धनखड़ को बनाया. और अब कैसे हटे? ये रहस्य है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







