दहेज से तौबा, दौलत की नुमाइश नहीं, सादगी से वलीमा, मुस्लिमों की शादी के लिए पर्सनल लॉ का संकल्प पत्र
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने संकल्प पत्र में शादियों के बारे में कहा गया है कि बड़े जलसा घरों में निकाह करने की बजाय मस्जिदों में निकाह कर के खर्चे कम किए जाएं. सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घर वालों के लिए ही दावत का इंतजाम किया जाए बाकी लोगों के लिए नहीं.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समाज द्वारा निकाह में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने और दहेज प्रथा बंद करने के लिए संकल्प पत्र जारी किया है. इस संकल्प पत्र में मुस्लिम समाज में चल रही कई चीजों पर रोक या कंट्रोल करने की बात कही गयी है. संकल्पपत्र में शादियों के बारे में कहा गया है कि बड़े जलसा घरों में निकाह करने की बजाय मस्जिदों में निकाह कर के खर्चे कम किए जाएं. इकरारनामे में सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घर वालों के लिए ही दावत का इंतजाम किए जाने का संकल्प लेने को कहा गया है. आपको बता दें कि निकाह में गलत रस्मों को खत्म करने के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रदेश में 10 दिवसीय अभियान शुरू किया है. यह अभियान 6 अप्रैल तक चलेगा. इसके तहत लोगों से एक इकरारनामा मानने के लिये कहा गया है. इस इकरारनामे के मुताबिक निकाह को सादा और आसान बनाएंगे. बेकार रस्म रिवाजों, खासतौर पर दहेज की मांग, हल्दी, रतजगा से परहेज करेंगे.केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल स्थापित किए. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की. उन्होंने यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए. केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं.
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