
दलित, आदिवासी, संत, मजदूर... देश के 150 समुदाय को अयोध्या आने का न्योता, रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में लेंगे हिस्सा
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अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं. अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे.
अयोध्या में नए राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेहमानों को न्योते भेजे जा रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने बेहद सधे अंदाज में अतिथियों की लिस्ट तैयार की है. मेहमानों की सूची में करीब 150 समुदायों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है. इन सभी के पास अब न्योते मिलने की पुष्टि होने लगी है. ट्रस्ट ने दलित, आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार और मंदिर निर्माण में जुटे श्रमिकों तक को बतौर मेहमान कार्यक्रम में बुलाया है.
बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं. अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. जानकार कहते हैं कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वृहद रणनीति तैयार की गई है. आरएसएस और वीएचपी के प्लान को दूसरे राम मंदिर आंदोलन के रूप में भी देखा जा रहा है.
'VHP और RSS ने घर-घर पहुंचने का बनाया प्लान'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के नेतृत्व में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक घर-घर संपर्क अभियान चलाया जा रहा है. देशभर में अक्षत (पवित्र चावल) कलश यात्रा निकाली जा रही है. 22 जनवरी के दिन मंदिरों में धार्मिक आयोजन करने की अपील की जा रही है. धार्मिक स्थलों पर साफ-सफाई और रोशनी से जगमग करने का भी प्लान है.
'150 समुदायों से जुड़े लोगों को आमंत्रण'
150 से ज्यादा अलग-अलग समुदायों के प्रतिनिधियों की भी लिस्ट तैयारी की गई है. इसमें प्रत्येक जिले और देशभर के अधिकांश ब्लॉक में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है. हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए संत, विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अलग-अलग समुदायों से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया है.

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