
'तैयार भोजन, टेंट और स्लीपिंग बैग...', भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार में क्या-क्या राहत सामग्री भेजी
AajTak
कांपती धरती, ढहती इमारतें, मौत का तांडव और चीख पुकार... शुक्रवार को भूकंप से म्यांमार और उसका पड़ोसी देश थाईलैंड थर्रा उठा. दरकते घर और डगमगाती बिल्डिंग सेकेंड्स में धराशाई हो गईं. भूकंप की तस्वीरों को देखकर हर कोई हिल गया और दिल दहल गए. शुक्रवार को म्यांमार, थाईलैंड के अलावा बांग्लादेश, चीन और भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
भूकंप ने पांच देशों को हिला कर रख दिया है. म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप ने तबाही मचाई है. बांग्लादेश और चीन के भी कुछ हिस्सों में भूकंप ने हिला दिया है. भारत के मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस बीच, भारत सरकार अलर्ट हो गई है और भूकंप प्रभावित देशों में मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं.
शनिवार सुबह भारत के वायुसेना स्टेशन हिंडन से 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी गई है. ये राहत सामग्री भारतीय वायुसेना के विमान C 130 J से म्यांमार पहुंची है. इसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाईजिन किट्स, सोलर लैंप, जेनरेटर सेट, जरूरी दवाएं (पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, कॉटन बैंडेज, यूरिन बैग आदि) शामिल हैं.
150 लोगों की मौत, 700 से ज्यादा लोग घायल
म्यांमार-थाईलैंड में 200 साल का सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई है. सैकड़ों लोग मलबे में दब गए हैं. अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर ये भूकंप कितना खतरनाक था. भूकंप से म्यांमार में सबसे ज्यादा तबाही हुई है और अमेरिका के Geological Survey ने आशंका जताई है कि मरने वाले लोगों का आंकड़ा 10 हजार को भी पार कर सकता है.
यह भी पढ़ें: 'जैसे-जैसे सीढ़ियों से उतर रहे थे, वैसे-वैसे दीवारें फट रही थीं...', बैंकॉक गई मॉडल ने सुनाई भूकंप की कहानी
कहां था भूकंप का केंद्र?

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










