
तुर्की में एर्दोगन की बड़ी जीत! 40 सालों से विद्रोह कर रहा कुर्दिश समूह PKK डाल रहा हथियार
AajTak
तुर्की के कुर्दिश समूह पीकेके ने हथियार डालने और खुद को भंग करने की घोषणा कर दी है. समूह तुर्की कुर्दों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र की मांग कर रहा था और उसने पिछले 40 सालों से तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह छेड़ रखा था.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) ने तुर्की सरकार के खिलाफ 40 सालों की लड़ाई के बाद घोषणा की है कि समूह हथियार डाल रहा है और खुद को भंग कर रहा है. पीकेके ने कुर्दों के लिए अलग स्वायत्त क्षेत्र की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रखा था जिस पर अब विराम लग सकता है.
पीकेके के हथियार डालने की जानकारी सोमवार को फिरात न्यूज एजेंसी ने दी जो कि सशस्त्र समूह का नजदीकी मीडिया आउटलेट माना जाता है. पीकेके ने खुद को भंग करने का फैसला अपने नेता अब्दुल्ला ओकलान के आह्वान पर किया है. ओकलान पर देशद्रोह और अलगाववाद फैलाने के आरोप लगे हैं और वो जेल में बंद हैं. फरवरी में उन्होंने पीकेके से हथियार डालने और समूह को भंग करने का आह्वान किया था.
तुर्की की कुल आबादी में कुर्द आबादी 20 फीसद है और पीकेके के विद्रोह का मकसद शुरू में कुर्दों के लिए एक स्वतंत्र देश की मांग करना था. लेकिन बाद में समूह अलगाववादी लक्ष्यों से दूर होता गया और इसके बजाए कुर्दों के लिए एक स्वायत्तता क्षेत्र की मांग करने लगा. तुर्की सरकार और पीकेके की लड़ाई में अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं जिसमें अधिकतर पीकेके लड़ाके हैं.
पीकेके को तुर्की सहित यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका ने आतंकवादी समूह के रूप में बैन कर रखा है. हथियार डालने की घोषणा के साथ ही पीकेके ने कहा कि समूह ने 'अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा कर लिया है और वो सशस्त्र संघर्ष की पद्धति को समाप्त कर देगा. अब से कुर्द मुद्दे को लोकतांत्रिक राजनीति के जरिए हल किया जा सकता है.'
1999 से जेल में बंद हैं कुर्द नेता ओकलान
इसी साल फरवरी में 76 साल के कुर्द नेता ओकलान ने पीकेके समूह से हथियार डालने और खुद को भंग करने का आह्वान किया था. पीकेके नेता 1999 से इस्तांबुल के दक्षिण-पश्चिम में मरमारा सागर के एक द्वीप पर जेल में एकांत कारावास में हैं.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.








