
ताकाइची, कोइज़ुमी या हयाशी... इशिबा की जगह कौन बनेगा जापान का अगला पीएम?
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जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने लगातार चुनावों में हार का दबाव बढ़ने के कारण इस्तीफा देने का फैसला किया है. उनके इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में नए नेता के लिए मुकाबला शुरू होगा. संभावित उत्तराधिकारी साने ताकाइची, शिंजिरो कोइज़ुमी और योशिमासा हयाशी हैं, जबकि विपक्षी नेता योशीहिको नोडा और युइचिरो तामाकी भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को कहा कि वे अपनी पार्टी के दबाव में आकर अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उन पर लगातार चुनावों में हार की ज़िम्मेदारी लेने का दबाव बढ़ रहा था. दरअसल, हाल ही में उच्च सदन के चुनाव में हुई हार के बाद पार्टी में उनके इस्तीफे की मांग शुरू हो गई थी. इशिबा के इस्तीफे के बाद उनकी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में नए नेता के लिए मुकाबला शुरू होगा, जिसे प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में वोटिंग से चुना जाएगा. चूंकि सत्ताधारी गठबंधन ने संसद के दोनों सदनों में अपना बहुमत खो दिया है, इसलिए ये तय नहीं है कि LDP अध्यक्ष ही प्रधानमंत्री बनेगा. हालांकि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नेता के तौर पर विपक्षी पार्टी के नेता के प्रधानमंत्री बनने की संभावना बहुत कम मानी जा रही है.
ये नेता ले सकते हैं इशिबा की जगह
1. साने ताकाइची (उम्र- 64 साल)
साने ताकाइची पीएम पद की रेस में सबसे आगे चल रही हैं. वह सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की नेता हैं. अगर वह पार्टी अध्यक्ष चुनी जाती हैं, तो वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी. वह एलडीपी की अनुभवी नेता हैं और पहले आर्थिक सुरक्षा और आंतरिक मामलों की मंत्री रह चुकी हैं. पिछले साल उन्होंने एलडीपी नेतृत्व के लिए इशिबा से मुकाबला किया था लेकिन हार गईं थीं. साने ताकाइची अपने रूढ़िवादी विचारों के लिए जानी जाती हैं, जैसे युद्धोत्तर जापानी संविधान में बदलाव का समर्थन करना. ताकाइची बैंक ऑफ जापान की ब्याज दर बढ़ाने के विरोध और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए खर्च बढ़ाने की वकालत के लिए भी प्रसिद्ध हैं.
2. शिंजिरो कोइज़ुमी (उम्र- 44 साल)
शिंजिरो कोइज़ुमी एक मशहूर राजनीतिक परिवार के उत्तराधिकारी हैं. वह भी पीएम पद की रेस में हैं. अगर नतीजे उनके पक्ष में रहे तो वह आधुनिक जापान में सबसे युवा प्रधानमंत्री बन सकते हैं. पिछले साल उन्होंने एलडीपी नेतृत्व की दौड़ में भाग लिया और खुद को सुधारक के रूप में पेश किया, जो घोटालों से प्रभावित पार्टी में जनता का विश्वास बहाल कर सके. कोइज़ुमी कोलंबिया विश्वविद्यालय से पढ़े हैं, इशिबा के कृषि मंत्री रहे और चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास में शामिल थे. अपनी कैबिनेट में केवल पर्यावरण मंत्री के रूप में कोइज़ुमी ने 2019 में जापान से परमाणु रिएक्टर हटाने की वकालत की थी. उस साल उन्होंने कहा था कि जलवायु नीति को “कूल” होना चाहिए, जिससे उन्हें आलोचना झेलनी पड़ी थी. हालांकि बैंक ऑफ जापान और व्यापक आर्थिक नीति पर उनके विचारों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है.

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