
ताइवान में लैंड होते ही चीन ने धमकाया, US स्पीकर नैंसी पोलेसी ने दिया ये बयान
AajTak
ताइवान (Taiwan) में नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) के लैंड होते ही चीन ने धमकी दी है. चीन ने कहा कि हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करेंगे. वहीं नैंसी पेलोसी ने कहा कि हमारी यात्रा अमेरिका की नीतियों का उल्लंघन नहीं है. ये यात्रा जीवंत लोकतंत्र का समर्थन है. हालांकि चीन (China) ने नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.
अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंच गई हैं. ताइवान में नैंसी के लैंड होते ही चीन ने धमकी दी है. चीन ने नैंसी पेलोसी की ताइवान की यात्रा के जवाब में कहा है कि हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे. साथ ही कहा कि अमेरिकी कांग्रेस अमेरिकी सरकार का हिस्सा है, लिहाजा उन्हें अमेरिकी सरकार की विदेश नीति का सख्ती से पालन करना चाहिए.
वहीं ताइवान पहुंचने के बाद नैंसी पेलोसी की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा अमेरिका की नीतियों का उल्लंघन नहीं है. ये यात्रा जीवंत लोकतंत्र का समर्थन है.
पेलोसी की ताइवान यात्रा चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगी. चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने कहा कि हम नैंसी की यात्रा का कड़ा विरोध और निंदा करते हैं.
वहीं नैंसी पेलोसी ने कहा कि हमारी ताइवान यात्रा किसी भी तरह से अमेरिका की नीति के खिलाफ नहीं है. हमारे प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए है. वहीं चीन ने कहा कि गंभीर परिणामों के लिए अमेरिका जिम्मेदार होगा.
चीन की मीडिया के मुताबिक स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी की पेलोसी से मिलने की कोई योजना नहीं है. चीन ने पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर भी नाराजगी जताई है. इतना ही नहीं चीन ने कहा कि यदि अमेरिका गलत तरीके से कार्रवाई करने पर जोर देता है, तो इससे उत्पन्न होने वाले किसी भी गंभीर परिणाम के लिए अमेरिका ही जिम्मेदार होगा.
दरअसल चीन ताइवान को अपना इलाका मानता है, उसने अमेरिका को पहले ही चेतावनी दी थी कि उसका कोई भी प्रतिनिधि ताइवान जाने की हिम्मत नहीं करे. लिहाजा चीन के लड़ाकू विमानों ने चारों तरफ से ताइवान को घेर लिया है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







