
डूबी बवाना की गलियां, कंधे पर बच्चे, कमर तक पानी... जानें- फिर भी दिल्ली में क्यों बढ़ सकता है जलसंकट
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उत्तरी दिल्ली की मुनक नहर का बांध टूटने से बवाना की JJ कॉलोनी जलमग्न हो गई और पानी आसपास के रिहायशी इलाकों में घुस गया. इससे यहां के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल दिल्लीवालों को हो सकती है. राजधानी में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है.
देश की राजधानी दिल्ली में बिना तेज बारिश आज अचानक एक इलाका डूबने लगा. बाहरी दिल्ली के बवाना में पानी दबे पांव दाखिल हो गया. लोग गहरी नींद में सो रहे थे और पानी उनके घरों की ओर बढ़ रहा था, जब नींद खुली तो घर के बाहर बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. ऐसे में सवाल है कि बिन बरसात आखिर दिल्ली का बवाना डूबा कैसे? तो ये सब हुआ मुनक नहर से टूटने से. मुनक नहर में पानी बढ़ा तो इसका जोर तटों पर पड़ा और बुधवार रात पानी के जोर से नहर का हिस्सा टूट गया. नहर के टूटने से पानी आसपास के इलाके में फैल गया, जब तक प्रशासन जागता और हरियाणा से पानी रोकने के लिए कहता तब तक बवाना पानी-पानी हो गया.
उत्तरी दिल्ली की मुनक नहर का बांध टूटने से बवाना की JJ कॉलोनी जलमग्न हो गई और पानी आसपास के रिहायशी इलाकों में घुस गया. इससे यहां के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल दिल्लीवालों को हो सकती है. राजधानी में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है, क्योंकि मुनक नहर का पानी हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सप्लाई होता है.
रात करीब 2 बजे नहर टूटने की सूचना मिली अधिकारियों की मानें तो रात करीब 2 बजे नहर टूटने की सूचना मिली थी, जबतक प्रशासन कोई कदम उठाता, पानी कॉलोनी में घुस गया. हालांकि, अब जरूरी कदम उठाते हुए हरियाणा क्षेत्र में ही नहर का पानी रोक दिया गया है और बवाना में जहां नहर टूटी है वहां मरम्मत का काम चल रहा है.
दिल्ली में क्यों हो सकता है जलसंकट?
बवाना के विधायक जयभगवान उपकार ने बताया कि मुनक नहर का पानी रोके जाने की वजह से हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी नहीं मिल सकेगा. जिस वजह से दिल्ली के कई इलाके पानी की किल्लत का सामना करने को मजबूर होंगे. हालांकि मरम्मत के काम में कम से कम 24 घंटे का समय लगेगा. इसके बाद ही हरियाणा की तरफ से पानी छोड़े जाने की संभावना है.
दिल्ली में पेयजल का मुख्य स्रोत है मुनक नहर

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