
ट्रंप और एलन मस्क को लगा तगड़ा झटका! सुप्रीम कोर्ट चुनाव जीत गईं क्रॉफर्ड, कौन हैं ये?
AajTak
अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य में सुप्रीम कोर्ट के चुनाव हुए हैं जिसमें डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन वाली लिबरल सुजैन क्रॉफर्ड की जीत हुई है. उन्होंने ट्रंप और एलन मस्क के उम्मीदवार को हराया है जिसे उनकी बड़ी जीत मानी जा रही है. मस्क ने इस चुनाव में अपने उम्मीदवार के पीछे पानी की तरह पैसा बहाया था.
अमेरिकी राज्य विस्कॉन्सिन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी अरबपति एलन मस्क को करारा झटका दिया है. राज्य के वोटर्स ने मंगलवार को स्टेट सुप्रीम कोर्ट के चुनाव में लिबरल सुजैन क्रॉफर्ड को चुना. क्रॉफर्ड ने कंजर्वेटिव ब्रैड शिमेल को हराया जिन्हें ट्रंप और मस्क का समर्थन मिल रहा था. शिमेल की हार को ट्रंप और मस्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
अमेरिकी न्यूज वेबसाइट सीएनएन और एनबीसी के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन से चुनाव में उतरीं क्रॉफर्ड की जीत के साथ ही विस्कॉन्सिन सुप्रीम कोर्ट में 4-3 से लिबरल बहुमत कायम है. इस चुनाव को ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर एक शुरुआती जनमत संग्रह के रूप में देखा गया.
मस्क ने उम्मीदवार पर पानी की तरह बहाया पैसा, फिर भी मिली हार
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ब्रेनन सेंटर के अनुसार, विस्कॉन्सिन सुप्रीम कोर्ट का चुनावी अभियान अमेरिकी इतिहास का सबसे महंगा न्यायिक मुकाबला बन गया है, जिसमें उम्मीदवारों, पार्टियों और बाहरी समूहों ने 9 करोड़ डॉलर से अधिक खर्च किए गए. इससे पहले 2023 के विस्कॉन्सिन स्टेट सुप्रीम कोर्ट चुनाव में 5.1 करोड़ डॉलर खर्च किए गए थे जो कि अब से पहले तक का रिकॉर्ड खर्च था.
अकेले एलन मस्क और उनके सहयोगी समूहों ने अपने उम्मीदवार के समर्थन में 2 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च किए. मस्क ने इस चुनाव में पिछले साल ट्रंप को जिताने के लिए इस्तेमाल की गई कुछ तरकीबें अपनाईं, जिसमें "एक्टिविस्ट जजों" के विरोध में याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों को 100 डॉलर की पेशकश और मतदाताओं को 10 लाख डॉलर के चेक देने की पेशकश शामिल है.
चुनाव में जीत के बाद क्रॉफर्ड ने मैडिसन में विजय रात्रि समारोह में दिए भाषण में कहा, 'आज विस्कॉन्सिन के लोगों ने हमारे लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमले को विफल कर दिया. न्याय की कोई कीमत नहीं होती. हमारी अदालतें बिकाऊ नहीं हैं.'

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







