
टैरिफ बम फोड़ने के बाद अब भारत, इजरायल और वियतनाम से क्यों बात कर रही ट्रंप सरकार?
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी के तहत 2 अप्रैल को भारत, वियतनाम और इजरायल पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. आगामी 9 अप्रैल से भारत द्वारा अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात पर 26% टैरिफ लगेगा, वियतनाम पर 46% टैरिफ लगेगा तथा इजराइल पर 17% टैरिफ लगेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भारत, इजरायल और वियतनाम के प्रतिनिधियों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं. सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है. यह वार्ता निकट आ रही समय सीमा से पहले हो रही है, जिसके तहत यदि कोई समझौता नहीं हुआ तो इन देशों से आयात पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप इन देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहे हैं. अगर इसे लेकर बता बनती है, तो आगामी 9 अप्रैल से लागू होने वाले टैरिफ पर रोक लग सकती है. ट्रंप की भारत, इजरायल और वियतनाम के साथ ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर चल रही यह वार्ता, अन्य देशों के साथ इसी तरह की बातचीत का रास्ता खोल सकती है.
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चीन और कनाडा पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे अमेरिकी आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर ट्रंप की टैरिफ नीति पर जवाबी कार्रवाई करेंगे. सीएनएन ने व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि ट्रंप प्रशासन की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल से लागू होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति के बेटे एरिक ट्रंप ने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत करने की कोशिश करने वाला आखिरी देश नहीं बनना चाहता. जो पहले बातचीत करेगा वह जीत जाएगा- जो आखिरी में बातचीत करेगा वह निश्चित रूप से हारेगा. मैंने अपनी पूरी जिंदगी में यह फिल्म देखी है.'
इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने स्वयं इस बात की पुष्टि की कि वह अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. एयरफोर्स वन में गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'टैरिफ को लेकर हर देश हमसे बातचीत करना चाहता है. यही हमारी खूबसूरती है कि हम खुद को ड्राइवर सीट पर रखते हैं, जब तक वे हमें कुछ अच्छा दे रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'टिकटॉक का ही उदाहरण ले लें. टिकटॉक के साथ हमारे सामने ऐसी स्थिति है, जहां चीन शायद कहेगा, हम एक सौदे को मंजूरी देंगे, लेकिन क्या आप टैरिफ पर कुछ करेंगे? टैरिफ हमें नेगोशिएशन पावर देता. ऐसा हमेशा होता आया है.'
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जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

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