ज्यादा जीते हैं शादीशुदा लोग, कुंवारों और तलाकशुदा पर मंडराता है ये खतरा
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एक नए शोध में पता चला है कि शादी महिलाओं में मौत के खतरे को एक तिहाई कम कर देता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि शादी से हृदय रोगों और डिप्रेशन की संभावना भी कम हो जाती है. जिन महिलाओं ने शादी की और फिर तलाक ले लिया उनमें भी मौत का खतरा कुछ कम होता है.
करियर पर फोकस रखने के चक्कर में युवाओं के लिए शादी का मुद्दा कहीं पीछे छूटता जा रहा है. कई देशों में युवाओं के बीच शादी न करने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि शादीशुदा लोगों की जिंदगी कुंवारे लोगों या तलाकशुदा लोगों की तुलना में ज्यादा लंबी होती है. स्टडी में कहा गया है कि शादीशुदा लोगों की शारीरिक और मानसिक सेहत ज्यादा अच्छी होती है.
ग्लोबल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक, विवाह महिलाओं के लिए मृत्यु दर को एक तिहाई कम करने में मदद करता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि भले ही सांस्कृतिक परिवर्तनों ने विवाह की संस्था के बारे में हमारे दृष्टिकोण को फिर से बदल दिया है लेकिन इससे इंसान के समग्र स्वास्थ्य में काफी सुधार आता है.
वाल स्ट्रीट जर्नल में एक लेख में स्टडी के दो लेखक, जो कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, उन्होंने लिखा, 'हमारे अध्ययन में जो निष्कर्ष निकला, उससे शादी की महत्ता को बल मिला है. यह एक ऐसे समाज के लिए एक संकेत है जो कि शादी जैसी खूबसूरत संस्था के महत्वों से इनकार कर रहा है.'
अध्ययन में 11,830 अमेरिकी महिला नर्सों को शामिल किया गया, जिनमें ज्यादातर श्वेत और अपेक्षाकृत अच्छी स्थिति में थीं. ये सभी नर्सें 1990 के दशक की शुरुआत में शादी करने का फैसला कर रही थीं. अध्ययन में नामांकन से पहले किसी भी महिला का विवाह नहीं हुआ था.
दशकों बाद, 1989 और 1993 के बीच शादी के बंधन में बंधने वाली प्रतिभागी नर्सों की तुलना उन लोगों से की गई जिन्होंने कभी शादी नहीं की.
शोधकर्ताओं ने जांच की कि लगभग 25 वर्षों के बाद महिलाओं के जीवन में शादी के बाद किस तरह का सुधार आया. शोधकर्ताओं ने शादीशुदा महिलाओं के शारीरिक, मानसिक सेहत और उनके उम्र को ध्यान में रखा.
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