
'जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाएंगे'...सपा संरक्षक बनने के सवाल पर बोले शिवपाल यादव
AajTak
मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. वे लंबे वक्त से अस्पताल में भर्ती थे. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सैफई लाया गया था. जहां मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को सैफई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को शुद्धिकरण कार्यक्रम हुआ. इसमें मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और प्रसपा चीफ शिवपाल यादव भी शामिल हुए. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वे मुलायम सिंह यादव के जाने के बाद अब पार्टी और यादव परिवार में संरक्षक की भूमिका निभाएंगे. इस पर उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाएंगे. अगर जिम्मेदारी नहीं भी मिलती है, जो लोग हमारे साथ जुड़े हैं. जिन्हें सम्मान नहीं मिला है, उन्हें कोई पूछ नहीं रहा है. उन्हें साथ लेकर आएंगे. सबको इकट्ठा करेंगे.
शिवपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह से जुड़े बहुत सारे किस्से हैं और एक युग की बहुत सी बातें हैं. उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे, तो नेताजी उन्हें साइकिल से स्कूल ले जाते थे. पार्टी की विरासत से जुड़े सवाल पर शिवपाल ने कहा कि सब संभल जाएगी. सब हो जाएगा.
मैंने सारे फैसले नेताजी से पूछ कर लिए- शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने कहा, ''मैंने कभी नेताजी की बात को नहीं टाला. कोई भी बात हो, नेताजी ने जो भी कहा हो, मैंने जीवनभर उनके आदेश का पालन किया. पार्टी बनाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हर मौके पर नेताजी से पूछकर ही फैसला किया. उनके आदेश पर ही फैसला मैंने किए. वहीं, नेताजी के निधन से मैनपुरी लोकसभा सीट खाली होने के बाद उम्मीदवार को लेकर पूछे हुए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह समय ये सब बातें करना का नहीं है.
सिमटा सा संसार नजर आ रहा- शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी ने जीवनभर लोगों की सेवा की. उनके जाने के बाद आज संसार सिमटा सा नजर आ रहा है. नेताजी ने पिछड़ों की, अल्पसंख्यकों की, दलित पीड़ितों की सेवा करके उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. राजनीति में भी उन्हें ऊपर तक पहुंचाया. नेताजी के जाने के बाद उनकी जगह नहीं भरी जा सकती.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







