जोशीमठ: लोगों को किया गया शिफ्ट, लेकिन बेजुबान पालतू जानवर अब भी नहीं सुरक्षित
AajTak
जोशीमठ के लोग तो अपने आलीशान घरों को छोड़ कर उन सुरक्षित स्थानों पर रहने तो जा रहे हैं, लेकिन अपने घरों में मौजूद पालतू जानवरों को वहां नहीं ले जा पा रहे हैं, क्योंकि वहां पर एक कमरा एक परिवार को मिल रहा है. ऐसे में जानवर अब भी असुरक्षित हैं.
जोशीमठ इस समय ऐसी आपदा का दंश झेल रहा है जिसके अंत का किसी को भी पता नहीं है. ऐसे में प्रशासन ने भले ही लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया है. लोग अपने आलीशान घरों को छोड़ कर उन सुरक्षित स्थानों पर रहने तो जा रहे हैं, लेकिन अपने घरों में मौजूद पालतू जानवरों को वहां नहीं ले जा पा रहे हैं, क्योंकि वहां पर एक कमरा एक परिवार को मिल रहा है.
ऐसे मुश्किल वक्त में लोगों ने दिन में सड़कों पर ही अपनी बकरी और बकरी के बच्चों को बांधा हुआ है. वहीं लोगों की पालतू और गाय और कुत्ते भी इन दिनों सड़कों पर ही हैं. लेकिन शाम के समय जैसे ही ठंड बढ़ती है, तो लोग इन जानवरों को उन लाल निशान वाले घरों के अंदर रख रहे हैं. फिर ये लोग सुबह उन्हें देखने जाते हैं, उन्हें खाना देने जाते हैं ताकि वह जानवर वहां पर सुरक्षित रहें.
सड़कों पर जानवर बांधने को मजबूर लोग
आजतक ने जब जोशीमठ के बाजार मनोहर भाग से सिंह धार वार्ड का निरीक्षण किया तो यहां पर जगह-जगह लोगों के कुत्ते और गाय के साथ भेड़ बकरी भी सड़क पर ही देखने को मिले. जोशीमठ की निवासी नीलम ने आजतक को बताया कि इनके कुत्ते का नाम शेरू है. लेकिन नीलम के घर पर भी लाल निशान लगाया हुआ है. ऐसे में इनका कहना है कि इनका कुत्ता शेरू इन दिनों इधर-उधर भटक रहा है.
जानवरों के लिए भी सुरक्षित जगह बना रहा प्रशासन
यही हाल हर लाल निशान वाले घर का है, जिन घरों में गाय, भैंस और अन्य पालतू जानवर हैं. वह लोग रातों को तो होटल या अन्य जगहों पर रुकते हैं लेकिन लेकिन सुबह होते ही उन्हें अपनी जानवरों को खाना खिलाने वापस अपने घर में जाते हैं. लोगों की मांग थी कि उनके जानवरों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जाए. हालांकि अब प्रशासन ने जोशीमठ में सभी जानवरों की गिनती शुर कर दी है और जोशीमठ के ऊपर टीन के शेड इन जानवरों के लिए बनाए जा रहे हैं.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.