
जिसे समझा गया सबसे बड़ी खामी, वही बनी खूबी... बढ़ती आबादी ही बनाएगी भारत को विकसित!
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Indian Economy Growth Story: भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां चुनौतियां भी हैं और बड़े मौके भी. दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी हो रही हैं, लेकिन भारत अभी भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.
भारत की आबादी 146 करोड़ से अधिक हो चुकी है. इतनी बड़ी आबादी के साथ किसी विकासशील देश का 'विकसित राष्ट्र' का सपना देखना, और उसे साकार करना आसान नहीं होता है. लेकिन भारत ने लकीर खींच दी है. लक्ष्य है कि देश जब 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाए तो भारत के पास विकसित राष्ट्र का तमगा हो, यानी 2047 तक देश को विकसित बनाना है.
भले ही बड़ी आबादी एक बड़ी चुनौती है, लेकिन जिस तेजी से घरेलू डिमांड बढ़ रही है, उसमें इसी बड़ी आबादी की बड़ी भूमिका है. आज भारत का विशाल बाजार दुनियाभर के देशों को आकर्षित कर रहा है, फिलहाल भारत की ग्रोथ स्टोरी की सबसे बड़ी ताकत यही है. घरेलू मांग के अलावा डिजिटल ग्रोथ और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश ने भी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने का काम किया है.
लक्ष्य आसान नहीं है... पर नामुमकिन भी नहीं. भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां चुनौतियां भी हैं और बड़े मौके भी. दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी हो रही हैं, लेकिन भारत अभी भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुनियाभर की निगाहें भी टिकी हैं. हालांकि विकसित राष्ट्र बनने के लिए देश को करीब 8 फीसदी की ग्रोथ रेट बरकरार रखनी होगी.
भारतीय अर्थव्यवस्था की दुनिया मुरीद
दरअसल, जिस तरह से तमाम अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां भारत पर भरोसा जता रही हैं, उसमें भारत की आर्थिक ताकत झलकती है. Moody’s मजबूत क्रेडिट मांग और स्थिर ग्रोथ की तरफ इशारा करता है. Fitch भारत की तेज अर्थव्यवस्था और मजबूत फंडामेंटल्स का लोहा मान रहा है, जबकि S&P और R&I जैसी एजेंसियां भी इंडियन इकोनॉमी को लेकर बुलिश हैं.
देश के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, नई सड़कें, बंदरगाह, एयरपोर्ट और डिजिटल नेटवर्क मिलकर देश की ग्रोथ स्टोरी को मजबूत बना रहे हैं. खासकर ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ी है, जिससे बाजारों में हर तरफ हलचल दिखाई दे रही है. पिछले कुछ वर्षों में 'बदलती राजनीति' की वजह से जनता को डायरेक्ट कैश मिल रहा है, इससे सबसे निचले तबके की आय बढ़ी है. टेक्नोलॉजी भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा इंजन बन चुकी है. डिजिटल पेमेंट्स से लेकर ई-कॉमर्स, फिनटेक से लेकर स्टार्टअप्स हर सेक्टर में भारत तेजी से आगे बढ़ा रहा है. आज गांव का दुकानदार भी UPI से पेमेंट ले रहा है और शहर का युवा क्रिप्टो, AI और ऑनलाइन इन्वेस्टिंग की दुनिया में कदम रख रहा है. यह बदलाव सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह का है.













