
जापान-चीन के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, कहा- जिनपिंग और पुतिन से मिलने को उत्सुक
AajTak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान और चीन के लिए रवाना हो गए हैं. जापान में वे रणनीतिक साझेदारी, निवेश और नई तकनीकों पर वार्ता करेंगे. इसके बाद तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस दौरान उनकी मुलाकात शी जिनपिंग और पुतिन से होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान और चीन की यात्रा पर रवाना हो गए. इस दौरान उन्होंने भरोसा जताया कि ये दौरा भारत के हितों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. साथ ही क्षेत्रीय, वैश्विक शांति और आपसी सहयोग को मजबूत करने में सहायक होगा.
यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी 29 और 30 अगस्त को जापान जाएंगे. इसके बाद वे चीन जाएंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रस्थान करने से पहले कहा कि वह तियानजिन में होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए उत्सुक हैं.
जापान में पीएम मोदी अपने जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ शिखर वार्ता करेंगे. जापान यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरान ध्यान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने पर होगा, जिसने पिछले 11 वर्षों में लगातार महत्वपूर्ण प्रगति की है.
पीएम मोदी ने कहा कि जापान यात्रा के दौरान आपसी सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने, आर्थिक और निवेश संबंधों का दायरा बढ़ाने, एआई और सेमीकंडक्टर जैसी नई तकनीकों में साझेदारी को आगे बढ़ाने का लक्ष्य होगा. उन्होंने ये भी कहा कि यह यात्रा भारत और जापान के सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का अवसर होगी.
यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन के तियानजिन जाएंगे. वहां वे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत साझा चुनौतियों का हल निकालने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए एससीओ देशों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







