'जांच के लिए न्यायिक हिरासत में रखना जरूरी नहीं' केजरीवाल के घर तोड़फोड़ करने वालों को कोर्ट ने दी जमानत
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दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पिछले दिनों हुई तोड़फोड़ के मामले में गिरफ्तार आठ लोगों को जमानत दे दी. कोर्ट ने जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा है कि मामले में आरोपों की उचित जांच के लिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना जरूरी नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पिछले दिनों हुई तोड़फोड़ के मामले में गिरफ्तार आठ लोगों को जमानत दे दी. कोर्ट ने जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा है कि मामले में आरोपों की उचित जांच के लिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना जरूरी नहीं है.
दरअसल, 30 मार्च को बीजेपी युवा मोर्चा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया था. बीजेपी का आरोप था कि अरविंद केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों के बलिदान का अपमान किया है. प्रदर्शन के दौरान केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ हुई थी. प्रदर्शनकारियों ने घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और बैरिकेड तोड़ दिए थे.
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में नहीं दी थी जमानत केजरीवाल के घर के आवास पर तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस ने 8 लोगों चंद्र कांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सनी, जितेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार तिवारी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में आरोपियों को यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को इकट्ठा होने और विरोध करने का मौलिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का इस्तेमाल करने की कुछ सीमाएं होती हैं और अनियंत्रित तरीके से इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है. सिसोदिया ने लगाए थे गंभीर आरोप केजरीवाल के घर पर हमले को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि बीजेपी केजरीवाल को मरवाना चाहती है. इसलिए इस तरह के हमले किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि बीजेपी के कार्यकर्ता तोड़फोड़ करते रहे और बीजेपी की पुलिस खड़े होकर तमाशा देखती रही.
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