
चीन फिर छुरा घोंपने की तैयारी में, कैसे रोकेगा भारत?
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चीन अपनी रणनीतिक स्थिति मजबूत करने के लिए भारत से सटी विवादित सीमा पर एक नए हाईवे के निर्माण की योजना पर काम कर रहा है. चीन का यह कदम भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. जी695 नाम का यह हाईवे दक्षिणी तिब्बत के कोना काउंटी, कांबा काउंटी और नेपाल सीमा के पास गईरोंग काउंटी से होकर गुजरेगा. ये इलाके एलएसी के पास हैं.
भारत से सटी विवादित सीमा पर चीन एक नए हाईवे के निर्माण की योजना पर काम कर रहा है. चीन ने अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए यह फैसला किया है.लेकिन चीन का यह कदम भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.
यह हाईवे तिब्बत की लुन्जे काउंटी से चीन के शिनजियांग के माजा तक होगा. दरअसल, चीन की प्रस्तावित 345 निर्माणाधीन योजनाओं के तहत इस हाईवे को बनाया जाएगा. चीन दरअसल अपनी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की कोशिश कर रहा है और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश के जरिए उपभोक्ता खर्च को बढ़ाना चाहता है.
पिछले हफ्ते जारी इस योजना के तहत जी695 (G695) नाम का यह हाईवे दक्षिणी तिब्बत के कोना काउंटी, कांबा काउंटी और नेपाल सीमा के पास गईरोंग काउंटी से होकर गुजरेगा. ये इलाके एलएसी सीमा के पास हैं.
यह तिब्बत, नेपाल और भारत के बीच बुरांग काउंटी से भी होकर गुजरेगा. इसके साथ ही यह नगारी प्रांत के जांडा काउंटी से भी होकर गुजरेगा, जिसके कुछ हिस्से भारत में हैं.
इस नए हाईवे की जानकारियां अभी स्पष्ट नहीं हो पाई हैं लेकिन हाईवे के एक बार पूरा होने पर यह एलएसी पर देपसांग प्लेन्स (Depsang Plains), गलवान वैली (Galwan Valley) और हॉट स्प्रिंग्स (Hot Springs) जैसे कुछ विवादित क्षेत्रों तक पहुंच सकती है.
जेएनयू में चाइना स्टडीज के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि नई सड़क का निर्माण कर चीन सीमावर्ती इलाकों पर अपने लॉजिस्टिक बिल्डअप को बढ़ाना चाहता है.

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