
चीन के साइबर वॉरफेयर से मुकाबले के लिए भारत कैसे कर रहा है तैयारी? आर्मी चीफ ने बताया
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भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमने रूस-यूक्रेन युद्ध से कई बातें सीखीं. सेना को और सैनिकों आधुनिक बनाया जा रहा है. हम ऐसे युवाओं को सेना में शामिल करना चाहते हैं जो तकनीकी रूप से दक्ष हों. चीनी भाषा जानते हों. साइबर एक्सपर्ट हों. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी रखते हों.
युद्ध का तरीका बदल रहा है. इसका भविष्य क्या होगा. ड्रोन वॉरफेयर. साइबर अटैक. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. भारतीय सेना (Indian Army) के प्रमुख जनरल मनोज पांडे खुद एक इंजीनियर हैं. जो इस चीज को समझते हैं. इस सवाल पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमने रूस-यूक्रेन से कई महत्वपूर्ण चीजें सीखी हैं. ये रणनीतिक तौर पर हमें मजबूत बनाएंगी. लेकिन उसे हमारे भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखना होगा.
सबसे पहले हमें सबसे ज्यादा हार्ड पावर की तरफ ध्यान देना होगा. यानी परंपरागत हथियारों पर. इसके बाद लैंड होल्ड पर यानी सीमाओं की सुरक्षा. तीसरी बात ये कि युद्ध कम समय का होना चाहिए. ताकि वो जल्दी से खत्म हो सके. रूस-यूक्रेन की तरह इतना लंबा खिंचने वाली लड़ाई नहीं. भविष्य के युद्ध छोटे और मारक होंगे.
हमें लगातार सप्लाई चेन पर फोकस करना होगा. ताकि हथियारों, रसद और तकनीकी सपोर्ट की सप्लाई होती रहे. सिर्फ काइनेटिक वॉरफेयर पर ही ध्यान नहीं देना है. बल्कि साइबर, एआई जैसे वॉरफेयर पर भी नजर रखनी होगी. आधुनिक तकनीकों को बढ़ाना होगा. जनरल इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 के पहले सेशन बैज ऑफ करेजः सोल्जर्स, रोबोट्स, बॉर्ड्स, एआई. द चैलेंज ऑफ न्यू जेनरेशन वॉरफेयर. एंड द आइडिया ऑफ इंडिया इन यूनिफॉर्म में बोल रहे थे.
नए और पुराने युद्ध के तरीकों का संतुलन बनाना होगा
सबसे बड़ी बात है सिटिजन सैनिकों की. उनके महत्व को छोड़ नहीं सकते. यूक्रेन में सिटिजन सैनिकों ने रूस की हालत खराब कर दी. ड्रोन्स पर ध्यान देना होगा. साथ ही हमें सैनिकों को मल्टीटास्किंग बनाना होगा. सेना में एडवांस टेक्नोलॉजी को शामिल करना हमारे सेना के ग्रोथ प्लान में शामिल है. ताकि हम इनका उपयोग अलग-अलग तरह के वॉरफेयर में कर सकें. हमें पुराने और नए का संतुलन बनाना होगा. हम अपने असीमित ताकतों, विज्ञान, टेक्नोलॉजी का संतुलन बनाना होगा.

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