
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 'INDIA' की पहली चुनावी परीक्षा, कांग्रेस-AAP ने उतारा है साझा उम्मीदवार, जानिए वोटों का गणित
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी का दबदबा रहा है लेकिन इस बार तस्वीर दूसरी है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में साझा उम्मीदवार उतार दिया है. इंडिया गठबंधन की पहली चुनावी परीक्षा के रूप में देखे जा रहे इस चुनाव में वोटों का गणित क्या है?
लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर जारी मंथन के बीच आज चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन की पहली परीक्षा है. चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने साझा उम्मीदवार उतारे हैं. चंडीगढ़ के मेयर का पद फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास है.
हालांकि, अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव टालने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह आरोप लगाते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. गौरतलब है कि पिछले आठ साल से चंडीगढ़ में बीजेपी का मेयर उम्मीदवार ही जीत हासिल करता आया है लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ आ जाने से इस बार समीकरण बदल गए हैं.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्या है वोटों का गणित
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 सदस्य हैं. 14 पार्षदों के साथ बीजेपी चंडीगढ़ नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं, आम आदमी पार्टी 13 पार्षदों के साथ दूसरे नंबर पर है. कांग्रेस के सात और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. चंडीगढ़ के सांसद को भी मेयर चुनाव में मतदान का अधिकार होता है. यानी कुल 36 वोट से चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव होता है. पिछली बार बीजेपी के मेयर उम्मीदवार को चुनाव में जीत मिली थी लेकिन इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ आ जाने से समीकरण बदल गए हैं.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पास 20 पार्षदों के वोट हैं. वहीं, बीजेपी के 14 पार्षद और एक सांसद किरण खेर का वोट मिलाकर 15 वोट हैं. अब अगर शिरोमणि अकाली दल के पार्षद का वोट भी बीजेपी के साथ जोड़ लें तो पार्टी नंबर गेम में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के 20 के मुकाबले 16 वोट के आंकड़े तक पहुंचती नजर आ रही है. नंबर गेम बीजेपी के पक्ष में नहीं है और आम आदमी पार्टी-कांग्रेस का गठबंधन मेयर के साथ ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पोस्ट पर भी आसानी से जीत हासिल करता नजर आ रहा है.
इंडिया गठबंधन को सता रहा है धांधली का डर

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