
गुजरात के शख्स की दर्दनाक मौत, गोद में बेटे को लेकर US बॉर्डर पार करते समय हुआ हादसा
AajTak
गुजरात के रहने वाले बृजकुमार बुधवार को अपने तीन साल के बेटे को गोद में लेकर मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर बनी ट्रंप दीवार को लांघने की कोशिश कर रहे थे कि तभी दीवार पर चढ़ने के दौरान जमीन पर गिरकर उनकी मौत हो गई. हादसे में उसका बेटा बाल-बाल बच गया. इस दौरान उनकी पत्नी को भी चोटें आई हैं लेकिन वह सुरक्षित हैं.
गुजरात निवासी एक शख्स की अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर दर्दनाक मौत होने का मामला सामने आया है. यह शख्स अपने परिवार के साथ अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर बने 30 फुट के स्टील बैरियर को पार करने की कोशिश कर रहा था. तभी वह इस हादसे का शिकार हो गया.
मृतक की पहचान 32 साल के बृजकुमार के रूप में की गई है, जो गुजरात के गांधीनगर का रहने वाला था. इस दौरान बृजकुमार की गोद में उसका तीन साल का बेटा भी था लेकिन बेटे की जान बच गई. बृजकुमार अपने बच्चे और पत्नी के साथ मेक्सिको-अमेरिकी सीमा पारकर अमेरिका में दाखिल होना चाहता था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात के रहने वाले बृजकुमार बुधवार को अपने तीन साल के बेटे को गोद में लेकर मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर बनी ट्रंप दीवार को लांघने की कोशिश कर रहा था कि तभी दीवार पर चढ़ने के दौरान जमीन पर गिरकर उसकी मौत हो गई. हादसे में उसका बेटा बाल-बाल बच गया. इस दौरान उनकी पत्नी को भी चोटें आई हैं लेकिन वह सुरक्षित हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बता दें कि मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर बड़ी संख्या में शरणार्थी रहते हैं, जो अमेरिका में प्रवेश करना चाहते हैं. इनमें से कई लोगों ने अमेरिका में रहने के लिए आवेदन कर रखा है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण अमेरिका के कोर्ट में मामला अटका है और उस पर फैसला आना बाकी है.
बताया जा रहा है कि गुजरात निवास बृजकुमार, उनकी पत्नी और तीन साल के बेटे अमेरिका जाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने गुजरात के कलोल में एक एजेंट से संपर्क किया था. हालांकि वो अमेरिका जाने में सफल नहीं हो सके और यही वजह थी कि वह अवैध रूप से दीवार फांदकर अमेरिका में दाखिल होना चाहते थे.
बृजकुमार दीवार पर चढ़ने के दौरान मेक्सिको की सीमा में गिर गए. तभी आवाज सुनकर सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनकी मौत हो गई. हालांकि, उनका बच्चा सुरक्षित बच गया. दीवार फांदने के दौरान बृजकुमार की पत्नी भी गिर गईं. वह अमेरिकी सीमा की तरफ गिरीं, उन्हें काफी चोटें आईं हैं. उनकी पत्नी को गंभीर हालत में सैंडियागो के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







