
गिरते बम, ताबड़तोड़ गोलीबारी... सूडान में फंसे अपने नागरिकों को कैसे निकाल रहे दुनिया के देश?
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भारत ने सूडान में फंसे अपने तकरीबन 3000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मंगलवार को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया. इस ऑपरेशन के तहत भारत 360 भारतीयों को वापस स्वदेश ला रहा है. इन्हें मंगलवार को 'आईएनएस सुमेधा' से पोर्ट सूडान और फिर वहां से सऊदी अरब के जेद्दा लाया गया था. ये भारतीय नागरिक अब वहां से सीधे नई दिल्ली पहुंचेंगे.
अफ्रीकी देश सूडान दो जनरलों की जिद और उनकी लड़ाई की वजह से सिविल वॉर की आग में जल रहा है. संकटग्रस्त सूडान में भारत समेत कई देशों के नागरिक फंसे हुए हैं. भारत के 'ऑपरेशन कावेरी' की तर्ज पर कई देश अपने नागरिकों को सूडान से बाहर निकालने में जुटे हैं.
भारतीय वायुसेना का C-130J विमान मंगलवार को 148 नागरिकों के साथ जेद्दा पहुंचा था. वहीं, 121 भारतीयों के दूसरे जत्थे के साथ भारत का विमान बुधवार तड़के पोर्ट सूडान से बाहर निकाला. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 135 भारतीयों के तीसरे जत्थे को भी सूडान से सुरक्षित बाहर निकाला गया. इन भारतीयों को अब जेद्दा से सीधे भारत लाया जाएगा. विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन बचाव प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए जेद्दा पहुंच सकते हैं.
भारत ने सूडान में फंसे अपने तकरीबन 3000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मंगलवार को 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया था. इस ऑपरेशन के तहत भारत 360 भारतीयों को वापस स्वदेश ला रहा है. इन्हें मंगलवार को 'आईएनएस सुमेधा' से पोर्ट सूडान और फिर वहां से सऊदी अरब के जेद्दा लाया गया था. ये भारतीय नागरिक अब वहां से सीधे नई दिल्ली पहुंचेंगे.
इससे पहले भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अपने सहयोगी देशों पर निर्भर था. सऊदी अरब ने सूडान से तीन और फ्रांस ने पांच भारतीयों को बाहर निकाला था. लेकिन अब भारत ने पोर्ट सूडान पर अपने विमान और पोत तैनात कर दिए हैं. पोर्ट सूडान दरअसल राजधानी खार्तूम से लगभग 850 किलोमीटर की दूरी पर है.
यह भी कहा जा रहा है कि इस ऑपरेशन का नाम कावेरी नदी पर रखा गया है, जो कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच बहती है. ऐसा कहा जा रहा है कि सूडान में फंसे अधिकतर लोग दक्षिण भारत से ही हैं. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी ऑपरेशन रेस्क्यू का नाम किसी नदी पर रखा गया है. पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर भारत ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया था. इसके तहत युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वपास लाया गया था.
अमेरिका का रेस्क्यू ऑपरेशन

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