
गाजा में पूर्व सैन्य अधिकारी की मौत पर UN ने भारत से माफी मांगी, इजरायली टैंक पर हमले का संदेह
AajTak
कर्नल वैभव अनिल काले ने कश्मीर में 11 J&K राइफल्स की कमान संभाली थी. उन्होंने 2022 में भारतीय सेना से वीआरएस के तहत रिटायरमेंट लिया था और दो महीने पहले यूनाइटेड नेशन के सेफ्टी एंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DSS) में बतौर सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे.
संयुक्त राष्ट्र ने युद्धग्रस्त गाजा के दक्षिणी हिस्से राफा में भारतीय मूल के अपने एक स्टाफ मेंबर की मौत पर शोक व्यक्त किया है. राफा में जिस यूएन स्टाफ मेंबर की मौत हुई है, वह भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी थी. वह राफा में जिस वाहन से यात्रा कर रहे थे, उस पर इजरायली टैंक द्वारा हमला किया था. संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षति के लिए भारत से खेद प्रकट किया है.
कर्नल वैभव अनिल काले (46) ने 2022 में भारतीय सेना से वीआरएस के तहत रिटायरमेंट लिया था और दो महीने पहले यूनाइटेड नेशन के सेफ्टी एंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DSS) में बतौर सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे. वैभव अनिल काले और जॉर्डन की रहने वाली एक अन्य डीएसएस स्टाफ के साथ 13 मई की सुबह युद्धग्रस्त गाजा के दक्षिणी शहर राफा में यूरोपियन हॉस्पिटल जा रहे थे. उनके यूएन सिंबल वाले वाहन पर टैंक से हमला हुआ, जिसमें काले की मौत हो गई. उनके साथ जा रही जॉर्डन की एक अन्य डीएसएस महिला कर्मचारी इस हमले में घायल हो गई.
कर्नल वैभव अनिल काले ने कश्मीर में दी थी सेवा
कर्नल वैभव अनिल काले ने कश्मीर में 11 J&K राइफल्स की कमान संभाली थी. पिछले साल 7 अक्टूबर से इजराइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र के लिए यह पहली इंटरनेशनल कैजुअल्टी है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने मंगलवार को डेली प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पीटीआई के एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम इस क्षति के लिए भारत सरकार और उसके लोगों के प्रति खेद और संवेदना व्यक्त करते हैं. हम संयुक्त राष्ट्र को भारत द्वारा दिए गए योगदान की सराहना करते हैं.'
फरहान हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने घातक हमले की जांच के लिए एक फैक्ट-फाइंडिंग पैनल की स्थापना की है. उन्होंने कहा, 'जांच अभी बहुत शुरुआती चरण में है, और घटना के विवरण को अब भी इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के साथ सत्यापित किया जा रहा है. फ्टी एंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने फैक्ट-फाइंडिंग पैनल का गठन किया है. हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि काले जिस गाड़ी में थे उस पर गोलीबारी इलाके में एक टैंक से की गई. यह पूछे जाने पर कि क्षेत्र में केवल आईडीएफ के पास ही टैंक हैं, हक ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह सही है.'

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







