
खेती की मशीनें खरीदने के बाद भी उपयोग नहीं कर पा रहे किसान, बताई ये वजह
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किसानों के मुताबिक तकनीकी दिकक्तें भी उन्हें सीआरएम मशीनें खरीदने से रोक रही हैं. किसान यूनियन के नेताओं का दावा है कि पंजाब में ज्यादातर किसानों के पास 25 से 30 बीएचपी के छोटे ट्रैक्टर हैं. वहीं, जो सीआरएम मशीनें उन्हें उपलब्ध कराई जा रही हैं उनके लिए 50 बीएचपी तक के हेवी-ड्यूटी ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है.
पंजाब के मोहाली जिले के मकदाइन गांव के रहने वाले हरजिंदर सिंह के पास 80 एकड़ कृषि भूमि है. इनमें से वह 25 एकड़ भूमि पर धान की खेती करते हैं. बाकी के जमीन पर वह गन्ना और आलू की खेती करते हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों की सलाह पर काम करते हुए उन्होंने अपनी जेब से 2.5 लाख रुपये खर्च करके एक सीआरएम मशीन खरीदी, उनके साथ उनके गांव के पांच अन्य किसानों, जिन्होंने सब्सिडी के लिए आवेदन किया था, उनको टोकन मनी के रूप में 5000 रुपये जमा करने के लिए कहा गया था. तकरीबन एक महीने होने को हैं लेकिन उन्हें सब्सिडी जारी नहीं की गई है. जबकि हरजिंदर ने एक निजी विक्रेता से मशीन खरीदी, वहीं अन्य किसानों को आश्वासन दिया गया कि संबंधित विभाग मशीनें उपलब्ध कराएगा.
तकनीकी दिक्कतों के चलते किसान नहीं खरीद रहे खेती की मशीनें
किसानों के मुताबिक तकनीकी दिकक्तें भी उन्हें सीआरएम मशीनें खरीदने से रोक रही हैं. किसान यूनियन के नेताओं का दावा है कि पंजाब में ज्यादातर किसानों के पास 25 से 30 बीएचपी के छोटे ट्रैक्टर हैं. वहीं, जो सीआरएम मशीनें उन्हें उपलब्ध कराई जा रही हैं उनके लिए 50 बीएचपी तक के हेवी-ड्यूटी ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है. ये मशीनें भारी होती हैं और 13 क्विंटल तक वजनी होती हैं.
बीकेयू, मोहाली के उपाध्यक्ष मेहर सिंह थेरी कहते हैं कि जहां तक ट्रैक्टर और इन मशीनों का सवाल है, बिल्कुल बेमेल है. 25 बीएचपी का ट्रैक्टर 13-क्विंटल सीआरएम मशीन को कैसे खींच सकता है. पंजाब में 12581 गांव हैं जो 31.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चावल उगाते हैं. सीआरएम मशीनें अपर्याप्त हैं और किसानों की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं. सरकार को लोगों को यह भी बताना चाहिए कि वे मशीनें उपलब्ध कराने के लिए ड्रा का सहारा क्यों ले रहे हैं.
मोहाली स्थित धान किसान हरजिंदर सिंह ने कहा कि पिछले महीने खरीदी गई सीआरएम मशीन को खींचने के लिए उन्हें देसी तकनीक (जुगाड़) अपनानी पड़ी. मेरे ट्रैक्टर का वजन 22 से 23 क्विंटल है. यह 12-13 क्विंटल सीआरएम मशीन को नहीं खींच सकता, संतुलन बनाने के लिए मैंने अपने ट्रैक्टर पर अधिक वजन बांध दिया, वर्ना मशीन खींचते समय इंजन खड़ा हो जाता था.
पोपना, मोहाली निवासी किसान तेजिंदर ने कहा कि 50 बीएचपी ट्रैक्टर खरीदने के लिए कम से कम 10 लाख रुपये की आवश्यकता होती है. तेजिंदर सिंह कहते हैं. किसान सीआरएम मशीनों का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि ट्रैक्टर पुराने हैं. नए ट्रैक्टर के लिए 10 लाख रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, मशीनों की भी कमी है जो बुकिंग पर भी उपलब्ध नहीं हैं.

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