खालिस्तान समर्थित संगठन पर पुलिस का एक्शन, 112 समर्थक अरेस्ट... जानें अमृतपाल केस का हर अपडेट
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पंजाब पुलिस खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर तेजी से शिकंजा कस रही है. उसके संगठन से जुड़े 112 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पांच साथियों पर NSA लगाया गया है. इसी बीच जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के 'वारिस पंजाब दे' संगठन ने जम्मू-कश्मीर से कुछ हथियार खरीदे हैं.
पंजाब पुलिस खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर तेजी से शिकंजा कस रही है. 18 मार्च से 20 मार्च तक उसके संगठन से जुड़े 112 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पांच साथियों पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया गया है. अमृतपाल सिंह मामले में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि वो पंजाब पुलिस की पूरी मदद करेंगे.
दिलबाग सिंह ने कहा कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के 'वारिस पंजाब दे' संगठन ने जम्मू-कश्मीर से कुछ हथियार खरीदे हैं. इस मामले में पंजाब पुलिस को हर तरह की मदद दी जाएगी. कहा, "पंजाब पुलिस को जहां भी जरूरत होगी, जम्मू-कश्मीर पुलिस हर संभव मदद करेगी. पता चला है कि यहां (जम्मू-कश्मीर) से कुछ हथियार वहां ('वारिस पंजाब दे') के लोगों को जारी किए गए हैं. ऐसे मामले हमारे संज्ञान में हैं''.
पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए गाड़ी में टक्कर भी मारी थी
अमृतपाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, लेकिन पुलिस समेत कई एजेंसियां उसका पूरा रिकॉर्ड खंगालने में लगी हुई हैं. अमृतपाल महंगी मर्सिडीज GL गाड़ी में चलता था. जिस दिन पुलिस उसका पीछा कर रही थी, तब अमृतपाल के काफिले में उसकी मर्सिडीज समेत एंडेवर गाड़ियां शामिल थीं. पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए एंडेवर गाड़ी में टक्कर भी मारी थी, लेकिन उसकी गाड़ी की स्पीड करीब 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इस तरह वो पुलिस की आंखों में धूल झोंककर भाग निकला.
उसके चार सहयोगियों को डिब्रूगढ़ शिफ्ट किया गया है. इस मामले में डिब्रूगढ़ के अधिकांश पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि, उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया है कि चारों आरोपी वर्तमान में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं. साथ ही ये भी पता चला है कि अमृतपाल के संगठन से जुड़े सात और सदस्यों को डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा. डिब्रूगढ़ जेल परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा का कड़ा पहरा रखने के लिए असम पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया है.
'युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार कर रहा था अमृतपाल'
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