
क्यों सेनाओं के लिए भूल-भुलैया है पंजशीर घाटी? यहीं हो रही तालिबान को मात देने की तैयारी
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पंजशीर कहिए या पंजशेर यानी पांच शेरों की घाटी. अफगानिस्तान में यही एकमात्र ऐसी जगह है जहां पर तालिबानी आतंकियों की घुसने की हिम्मत नहीं होती. यही वो जगह है जहां के लड़ाकों ने रूसी सेनाओं और तालिबान लड़ाकों को नानी याद दिला दी थी. एक बार फिर यह घाटी चर्चा में है. क्योंकि अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह इस समय इसी इलाके में रहकर तालिबानियों से जंग लड़ने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
पंजशीर कहिए या पंजशेर यानी पांच शेरों की घाटी. अफगानिस्तान में यही एकमात्र ऐसी जगह है जहां पर तालिबानी आतंकियों की घुसने की हिम्मत नहीं होती. यही वो जगह है जहां के लड़ाकों ने रूसी सेनाओं और तालिबान लड़ाकों को नानी याद दिला दी थी. एक बार फिर यह घाटी चर्चा में है. क्योंकि अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह इस समय इसी इलाके में रहकर तालिबानियों से जंग लड़ने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि ये रणनीति वो किसके साथ मिलकर बना रहे हैं? साथ ही पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) का रणनीतिक महत्व क्या है? (फोटोःगेटी) अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे में 32 प्रांत आ चुके हैं. राजधानी काबुल भी आतंकियों के कब्जे में आ चुकी है. राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार गिर चुकी है. राष्ट्रपति गनी देश छोड़कर भाग चुके हैं. अब तालिबान अपनी सरकार बनाने के लिए नए-नए प्रस्ताव दे रहा है. लेकिन इस बीच एक प्रांत ऐसा जहां पर अफगानिस्तान के झंडे का रंग अब तक नहीं चढ़ पाया है. यहां तालिबानी झंडा लहराने से पहले उसके लड़ाकों को भयानक स्तर की जंग लड़नी होगी. (फोटोःगेटी)
आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







