
क्यों साक्षी का कत्ल देखते रहे लोग, क्या है 'बाईस्टैंडर इफेक्ट' जो भीड़ को डरपोक बना देता है?
AajTak
दिल्ली में एक सिरफिरे आशिक ने नाबालिग लड़की की हत्या कर दी. वारदात के समय कई लोग वहां मौजूद थे लेकिन किसी ने भी कातिल को रोकने की कोशिश नहीं की. घटना के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि चाकू-पत्थर से ताबड़तोड़ वार के बाद भी कोई बीच-बचाव करने नहीं आया. इसे बाईस्टैंडर इफेक्ट कहते हैं. जानिए क्या होता है इसमें.
दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में साक्षी नाम की नाबालिग लड़की की नृशंस हत्या कर दी गई. वारदात को अंजाम देने वाले लड़के का नाम साहिल है. जिसे दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि साहिल से लड़की की कहासुनी हो गई थी. इसी पर वो इतना भड़का कि लड़की पर चाकू और पत्थर से ताबड़तोड़ वार किए. हैरानी वाली बात ये है कि वो लड़की को चाकू से गोद रहा था, मगर किसी ने भी उसे रोकने को कोशिश नहीं की. मनोविज्ञान में इसे बाईस्टैंडर इफेक्ट कहते हैं.
अकेला इंसान होता है ज्यादा मददगार
साइकोलॉजी की ये थ्योरी कहती है कि जब भी भीड़ कोई हादसा या कत्ल या हमला होते हुए देखती है तो मदद की संभावना कम हो जाती है. वहीं अगर अकेला इंसान किसी को मुसीबत में देखे तो चांसेज हैं कि वो पीड़ित की मदद करेगा. ऐसा हम नहीं, लैब में हुए प्रयोग कह रहे हैं.
40 लोग युवती का रेप और मर्डर देखते रहे
इसे समझने की पहल 1964 में एक बर्बर घटना के बाद हुई. उस साल मार्च में अमेरिकी लड़की किटी गेनोवीज अपने काम से लौट रही थी. अपार्टमेंट पहुंचने तक सब ठीक रहा, लेकिन ऐन घर के सामने उस पर किसी ने हमला कर दिया. रेप के बाद उसे चाकू से गोदकर बुरी तरह से मारा गया. ये हमला लगभग 20 मिनट तक चलता रहा. इस दौरान लगभग 40 लोगों ने अपने घरों से सबकुछ देखा. रेप के दौरान 28 साल की युवती चीखती रही, लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की. यहां तक कि पूरे 20 मिनट बाद पुलिस के पास पहला कॉल आया. तब तक किटी की हत्या हो चुकी थी.
किया गया पहला प्रयोग

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







