क्या मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस की खींचतान INDIA गठबंधन में टूट की शुरुआत है? अखिलेश के गुस्से के पीछे की कहानी
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कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है. क्या मध्य प्रदेश को लेकर दोनों दलों की तल्खी इंडिया गठबंधन में टूट की शुरुआत है? सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गुस्से के पीछे क्या है?
मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है. विपक्षी कांग्रेस ने एमपी चुनाव के लिए 230 में से 229 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट में उस सीट से उम्मीदवार का नाम भी है जहां से 2018 में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को जीत मिली थी. जवाब में सपा ने भी 22 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है.
एमपी चुनाव के लिए सपा की ओर से उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर कांग्रेस तल्ख हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि इतनी सीटों पर सपा के लड़ने से बीजेपी को फायदा होगा. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने तो यहां तक कह दिया कि मध्य प्रदेश का मतदाता हाथ का पंजा जानता है, साइकिल नहीं. बीजेपी को हराने के लिए सपा को कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए.
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो हम न तो मीटिंग में जाते और ना ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते. अखिलेश ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष को नाम लिए बिना चिरकूट नेता बता डाला तो अजय राय ने भी पलटवार करते हुए कह दिया कि जिसने अपने पिता का सम्मान नहीं किया, वह किसी और का क्या करेगा.
एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने अखिलेश को लेकर सवाल पर कहा- अरे छोड़िए ना अखिलेश-वखिलेश. इसे लेकर सपा प्रमुख ने कहा कि उनके नाम में ही कमल है. अखिलेश तो है न. कांग्रेस और सपा के बीच जुबानी जंग तल्ख से और तल्ख होती जा रही है. इसे लेकर अब ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इंडिया गठबंधन मध्य प्रदेश से बिखर सकता है?
सवाल मध्य प्रदेश में केवल कांग्रेस-सपा की तल्खी की वजह से नहीं, छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में भी गठबंधन के एक अन्य घटक आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार उतारने की वजह से भी उठ रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. पार्टी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ मिजोरम चुनाव के लिए कुछ उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है, 37 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है जिसमें कथित शराब घोटाले की वजह से जेल में बंद मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के भी नाम शामिल हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में रैलियां कर बीजेपी के साथ ही कांग्रेस पर हमले भी बोल रहे हैं. इन सबको देखते हुए चर्चा तो ये तक शुरू हो गई है कि सीट बंटवारे को लेकर खींचतान, इन तीन दलों की आपसी लड़ाई कहीं चुनावी हवा भरने के पहले ही इंडिया गठबंधन का टायर पंक्चर ना कर दे.
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