
क्या भारत में आजादी घट रही है, क्यों दुनियाभर की स्वतंत्रता पर नजर रखने वाला फ्रीडम हाउस खुद घेरे में?
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बीते साल दुनियाभर में आजादी का स्तर नीचे गिरा, ये भारत पर भी लागू है. अमेरिका में बैठकर लगभग सारे देशों के लोकतंत्र पर नजर रखने वाले फ्रीडम हाउस ने साल 2021 में ही भारत को 'आजाद' से 'आंशिक तौर पर स्वतंत्र' देश की श्रेणी में डाल दिया था. अब रिपोर्ट के अनुसार, इसमें और गिरावट आ चुकी. लेकिन फ्रीडम हाउस का सर्वे खुद ही अपनी निष्पक्षता के लिए सवालों से घिरा रहा.
बुधवार को फ्रीडम हाउस ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा था कि पिछले साल दुनिया के तमाम देशों में लोकतांत्रिक आजादी में गिरावट आई. भारत में यह गिरावट कथित तौर पर चार सालों से जारी है. वहीं कश्मीर में इस मामले में तरक्की देखने को मिली, जहां धारा 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव हुए. अमेरिकी हेडक्वार्टर वाला फ्रीडम हाउस वैसे तो बाकी देशों की आजादी पर नजर रखता है, लेकिन इसकी खुद की पारदर्शिता विवादित रही.
क्या है फ्रीडम हाउस और कैसे करता है काम यह अमेरिकी एनजीओ है जो ग्लोबल स्तर पर लोकतंत्र और आजादी के बढ़ते-घटते स्तर पर नजर रखती है. इसमें हर साल एक रिपोर्ट आती है, जिसमें देशों को तीन कैटेगरी में रखा जाता है - जहां लोगों को बोलने, चुनाव लड़ने और खुलकर जीने की पूरी आजादी हो. - आंशिक तौर पर स्वतंत्र देश, जहां कुछ आजादी हो, लेकिन साथ में सरकार कड़ाई भी करती हो. - गैर स्वतंत्र मुल्क, जहां बोलने, लिखने, बताने पर सरकार की पूरी पकड़ हो और मीडिया भी दबा हुआ हो.
कैसे करता है काम दुनिया के अलग-अलग देशों में क्या हो रहा है, इसपर इसके लोग नजर रखते हैं. वे लोगों से सवाल करते हैं. हर देश को उसकी राजनैतिक-सामाजिक आजादी के आधार पर 100 में से तय स्कोर मिलते हैं. इसी आधार पर सालाना रिपोर्ट आती है, जो बताती है कि कौन से देश आजाद, कौन से आंशिक तौर पर आजाद हैं और कौन सा मुल्क तानाशाही की तरफ जा रहा है.
ताजा रिपोर्ट में कौन आजाद, कौन नहीं
वॉशिंगटन स्थित संस्था ने हाल में जो रिपोर्ट निकाली, उसमें भूटान को दक्षिण एशिया का अकेला पूरी तरह स्वतंत्र देश माना गया. वहीं भारत के कश्मीर में काफी पॉजिटिव बदलाव देखने को मिले. सालभर पहले उसे गैर-आजाद श्रेणी में रखा गया था, जबकि पिछले साल चुनाव के बाद उसे कुछ हद तक आजाद माना जा रहा है. फ्रीडम हाउस का कहना है कि कश्मीर में सालभर पहले तक स्थानीय और राजनैतिक आजादी काफी कम थी, जो अब इंप्रूव हो रही है. दूसरी तरफ देश को आंशिक तौर पर फ्री कहा गया. फिनलैंड अकेला देश रहा, जिसे फ्रीडम हाउस ने 100 में से 100 नंबर दिए.

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