क्या अल जवाहिरी को मारने में PAK ने दिया US का साथ? पाकिस्तानी पत्रकार ने किया बड़ा दावा
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Al Zawahiri Killing: अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल में ड्रोन स्ट्राइक कर अल कायदा के आका अल जवाहिरी को ठिकाने लगा दिया है. अमेरिका के इस ऑपरेशन का सऊदी अरब ने स्वागत किया है तो वहीं अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इसे अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया है. अमेरिका के इस अटैक को ओसामा बिन लादेन के खात्मे के बाद अल कायदा के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है.
Al Zawahiri Killing: अफगानिस्तान के काबुल में छिपकर बैठे अल कायदा चीफ अल जवाहिरी को अमेरिका ने ढेर कर दिया है. ओसामा बिन लादेन के खात्मे के बाद जवाहिरी ही अल कायदा की कमान संभाले था.
अमेरिका की ड्रोन स्ट्राइक के बाद अब इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की मिलीभगत को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. ये बात खुद पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार ने ट्वीट कर कही है.
पाकिस्तान के पत्रकार कामरान युसूफ ने कहा, 'मुझे लगता है कि पाकिस्तान भी इस अमेरिकी ऑपरेशन का हिस्सा है. क्योंकि अमेरिका के टॉप सैन्य अधिकारी ने ड्रोन हमले से 48 घंटे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख से बात की थी. बातचीत के दौरान आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भी चर्चा की गई थी.'
अमेरिका ने कैसे दिया हमले को अंजाम?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. अमेरिका ने उस घर पर हमला करने के लिए दो Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया. ड्रोन हमले को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया. बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की. खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था.
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