कोरोना महामारी में पिता को खोने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ अखबार बांटती है ये लड़की
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दरअसल लवण्या के पिता पिछले 35 सालों से सुबह सुबह उठकर लोगों के घरों तक न्यूज पेपर पहुंचाने का काम कर रहे थे. लवण्या अपने पिता को खोने के बाद उनकी कमी को पूरा करना चाहती है. यही वजह है कि वह रोज सुबह उठकर, एक खूबसूरत मुस्कुराहट के साथ लोगों तक अखबार पहुंचाती है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हर तरफ से लगातार बुरी खबरें आ रही हैं. वहीं कुछ ऐसी खबरें भी हैं जो इंसान के अंदर आशा और साहस पैदा करती हैं. कर्नाटक के टुमकुर जिले में एक 18 साल की लड़की ऐसे ही साहस का परिचय दे रही है. दूसरी महामारी के दौरान ज्यादातर परिवार वालों ने अपने किसी न किसी चाहने वालों को खोया है. 18 साल की लवण्या ने भी अपने पिता को खोया है जो उसे अपना नाम कमाने के लिए उत्साहित करते थे. इसके बावजूद उसने बिना डरे अपना नया काम शुरू किया है. लवण्या एक तरफ इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसने लोगों के घरों तक न्यूज पेपर पहुंचाने का भी काम शुरू किया है. टुमकुर जिले के लिए यह थोड़ा अटपटा हो सकता है कि एक लड़की पेपर बांटने का काम करती है. लेकिन लवण्या अपने स्वर्गीय पिता की परंपरा को जिंदा रखकर उन्हें गौरवान्वित महसूस करवाना चाहती है.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.