कोरोना मरीजों की मौत के बाद बचे रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच देते थे, दिल्ली पुलिस ने दो मेल नर्स को दबोचा
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दिल्ली पुलिस ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल के 2 मेल नर्स स्टाफ को गिरफ्तार किया है. ये लोग अस्पताल में इलाज के दौरान मर जाने वाले कोविड मरीजों के बचे हुए रेमेडेसिवर इंजेक्शन को 30 से 40 हजार में बाहर बेच रहे थे.
देश में कोरोना वायरस के बीच रेमडेसिवर इंजेक्शन की भरी किल्लत है, पूरे देश से रेमेडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही हैं. लेकिन ये बात तब और अत्यधिक असंवेदनशील लगती है जब कालाबाजारी करने वाले कोई और नहीं बल्कि मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर या नर्स होते हैं. ऐसा ही एक मामला दिल्ली पुलिस ने एक्स्पोज किया है. दिल्ली पुलिस ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल के 2 मेल नर्स स्टाफ को गिरफ्तार किया है. ये लोग अस्पताल में इलाज के दौरान मर जाने वाले कोविड मरीजों के बचे हुए रेमेडेसिवर इंजेक्शन को 30 से 40 हजार में बाहर बेच रहे थे. दिल्ली पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया और दिल्ली की वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल स्टाफ ने पंजाबी बाग से दोनों को गिरफ्तार कर लिया. इन दोनों आरोपियों की पहचान धोमन्ती यशवंत (27) और दीपक (28) के तौर पर हुई है. दिल्ली पुलिस ने इनसे 5 रेमडेसिवर इंजेक्शन भी बरामद किए हैं.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.