कैसे हुआ ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड, जिसके दोषी संजीव जीवा का लखनऊ कोर्ट में हुआ कत्ल
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लखनऊ की सिविल कोर्ट बुधवार शाम गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी. इस गोलीबारी में संजीव जीवा की मौत हो गई. ये वही संजीव जीवा था, जिसका नाम चर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड मे भी सामने आया था. इसके अलावा फर्रुखाबाद के ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में भी संजीव जीवा का नाम सामने आया था.
लखनऊ की सिविल कोर्ट में बुधवार शाम गोलीबारी हुई. इस गोलीबारी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की मौत हो गई. ये वही संजीव जीवा था जो कि मुख्तार अंसारी का शूटर रहा था. ये वही संजीव जीवा था, जिसका नाम चर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड मे भी सामने आया था. इसके अलावा फर्रुखाबाद के ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में भी संजीव जीवा का नाम सामने आया था.
ब्रह्मदत्त द्विवेदी यूपी की सियासत में बड़ा नाम थे. ब्रह्मदत्त द्विवेदी वो नेता थे जिन्हें कि मायावती का जीवनरक्षक माना जाता था. साल 1995 में जब मायावती पर हमला हुआ था तो ब्रह्मदत्त द्विवेदी वो नेता थे जिन्हें कि मायावती ने पहला कॉल मिलाया था. मायावती पर हुए इस हमले को गेस्ट हाउस कांड के नाम से जाना जाता है.
मायावती को भी था पूरा भरोसा
वैसे तो ब्रह्मदत्त द्विवेदी भाजपा नेता थे, लेकिन बसपा प्रमुख भी उन पर बहुत भरोसा करती थीं. ऐसे में साल 1997 में द्विवेदी बीजेपी की तरफ से बीएसपी के साथ गठबंधन की कोशिश में जुटे थे. समझौते की शर्तें करीब-करीब तय हो चुकी थीं, कभी भी बीजेपी-बीएसपी गठबंधन बहुमत का दावा ठोंक सकता था, लेकिन तभी ब्रह्मदत्त द्विवेदी की ही हत्या कर दी गई.
शादी की दावत से लौटते समय हुई ताबड़तोड़ फायरिंग
10 फरवरी 1997 की रात को ब्रह्मदत्त द्विवेदी अपने शहर फर्रुखाबाद में एक शादी की दावत में शामिल होने के बाद वापस घर लौट रहे थे. द्विवेदी अपनी कार में बैठे ही थे कि वहां पर कुछ हथियारबंद बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. इस फायरिंग में ब्रह्मदत्त द्विवेदी की मौत हो गई थी. चश्मदीदों के बयान के आधार पर द्विवेदी के परिवार के लोगों ने कुल चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखवाई.
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