
कुंभ स्नान से कांग्रेस परेशान! खड़गे को याद आई रोजी-रोटी की सियासत... बीजेपी को मिलते फायदे से बढ़ी चिंता?
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कुंभ स्नान पर सियासत परेशान होने लगी है. जहां एक तरफ देश में अब तक 14 करोड़ लोग महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान कर चुके हैं और देश के तमाम नेता गंगा में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं, वहां कांग्रेस अध्यक्ष गंगा स्नान में रोजी-रोटी-राजनीति लेकर आ गए हैं. 15 दिन के महाकुंभ में देश के 13 करोड़ 21 लाख से ज्यादा लोग संगम में स्नान कर चुके हैं. गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को त्रिवेणी में स्नान करने पहुंचे. साथ में कई संत, महामंडलेश्वर, बाबा रामदेव, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.
कुंभ स्नान पर सियासत परेशान होने लगी है. जहां एक तरफ देश में अब तक 14 करोड़ लोग महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान कर चुके हैं और देश के तमाम नेता गंगा में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं, वहां कांग्रेस अध्यक्ष गंगा स्नान में रोजी-रोटी-राजनीति लेकर आ गए हैं. 15 दिन के महाकुंभ में देश के 13 करोड़ 21 लाख से ज्यादा लोग संगम में स्नान कर चुके हैं. गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को त्रिवेणी में स्नान करने पहुंचे. साथ में कई संत, महामंडलेश्वर, बाबा रामदेव, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.
औसत प्रतिदिन जब महाकुंभ में करीब 95 लाख लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. तब प्रयागराज से 925 किमी दूर, मध्य प्रदेश के महू यानी संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली पर कांग्रेस की 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली' में कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान दिया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'गंगा में डुबकी लगाने से क्या गरीबी दूर होती है, क्या भरपेट खाना मिलता है.'
गरीबी नहीं, आस्था से जुड़ा है कुंभ का आयोजन
ये जानते हुए कि इस बयान से आस्था को चोट पहुंच सकती है, खड़गे रुकते नहीं, आगे कहते हैं, 'मैं किसी की आस्था को चोट नहीं पहुंचाना चाहता. अगर किसी को दुख हुआ तो मैं माफी चाहता हूं. लेकिन आप बताइए, बच्चा भूखा मर रहा है, स्कूल नहीं जा रहा, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही और ये लोग जाकर हजारों रुपए खर्च करके कंपटीशन में डुबकी मार रहे हैं. हर महिला, पुरुष पूजा करता है, कोई ऐतराज नहीं है. धर्म के नाम पर गरीबों का शोषण हो रहा है. हमको उस पर ऐतराज है.'
सवाल उठता है कि कुंभ में स्नान करते राजनेताओं या फिर करोड़ों लोगों के वहां पहुंचने से खड़गे को क्या आपत्ति है. अगर नहीं है तो जब दावा किया जा रहा है कि महाकुंभ में अगले तीन से चार दिन में गंगा स्नान करने वाले आस्थावान लोगों की संख्या दोगुनी तक जा सकती है, तब खड़गे ये क्यों पूछते हैं कि गंगा में डुबकी से क्या गरीबी दूर होगी? जबकि कुंभ का आयोजन हो या फिर गंगा स्नान दोनों का संबंध गरीबी दूर करने के किसी नारे से नहीं बल्कि सीधे आस्था से जुड़ा है.
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का निशाना अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ समेत दूसरे बड़े नेता हैं, जो कुंभ में स्नान कर चुके हैं. अब तक राहुल गांधी या दूसरे कोई बड़े कांग्रेस नेता महाकुंभ नहीं पहुंचे हैं. जबकि अखिलेश यादव भी आकर संगम में डुबकी लगा चुके हैं. अखिलेश यह तक कहते हैं कि आयोजन में कोई कमी नहीं होनी चाहिए.

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