किचन का बजट गड़बड़ाया, अरहर के भाव 160 रुपये तक चढ़े तो जीरा 740 रुपये किलो बिक रहा
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सब्जियों के बाद अब दालों और मसालों के दामों में उछाल आ गई है. इसका असर अब लोगों की थाली पर पड़ने लगा है. छोटे दुकानदारों का कहना है कि राशन की चीजें के दामों में बढ़ोतरी होने से व्यापार प्रभावित हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि माल की कमी होने और बड़े व्यापारियों द्वारा माल को स्टॉक करने से काफी हद तक यह समस्या खड़ी हुई है. आशंका है कि राशन की चीजों के दाम अभी और बढ़ेंगे.
लोगों के किचन का बजट फिर से गड़बड़ाने लगा है. सब्जी, दाल, मसानों के दाम आसमान छू रहे हैं. टमाटर, अदरक, धनिया, लहसुन के बाद अब दालों के दामों में भी तेजी देखने को मिल रही हैं. इसके अलावा दाल में जीरे का तड़का भी अब बहुत महंगा हो गया है. जानकारी के मुताबिक जो अरहर की दाल 120 रुपये में मिल रही थी, अब उसका दाम 160 रुपये के पार पहुंच गया है. वहीं एक महीने पहले तक जो जीरे का दाम 330 रुपये से 400 रुपये किलो था, वह अब 700 से लेकर 740 तक पहुंच गया है. दुकानदारों का कहना है कि इस तेजी पीछे असल वजह माल की शॉर्टेज है.
दिल्ली में खारी बावली दुकानदार अशोक गुप्ता के मुताबिक पिछले 1 महीने में दालों के दाम में 20 से ₹25 का इजाफा देखने को मिल रहा है. दुकानदार की मानें तो आने वाले दिनों में अरहर की दाल की कीमत और बढ़ सकती है.
ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गुप्ता के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई स्टॉक लिमिट उन पर तो लागू होती है लेकिन विदेशी इंपोर्टर बाहर ही दाल को स्टॉक कर रहे हैं. अरहर का बाजार इंपोर्टेड सप्लाई पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जिसका असर बाजार पर साफ तौर पर दिख भी रहा है.
एक हजार रु. तक बढ़ गया राशन का खर्च
कृष्णा नगर में रहने वाली सुरुचि के मुताबिक उनके घर में चार लोग हैं. हर महीने उनके घर में 2000 से 2200 रुपये का राशन आता था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से ये राशन 3000 से 3500 रुपये का आ रहा है, जिसमें अभी देसी घी का खर्च नहीं जुड़ा है.
समझ नहीं आ रहा कहां करें कटौती