
कानपुर: रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव के आरोपों को पुलिस ने बताया अफवाह, कहा- जांच में नहीं मिला सबूत
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कानपुर में रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव के आरोपों को अफवाह करार दिया है. पुलिस ने कहा कि जांच में आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई है तो प्रथम दृष्टया ये अफवाह प्रतीत होती है. वहीं, आयोजकों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि जब शोभायात्रा लौट रही थी, तब चंद्रेश्वर हाता के निकट नई सड़क के पास इमारतों की छतों से पत्थर फेंके गए.
कानपुर में रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव के आरोप को पुलिस ने खारिज कर अफवाह करार दिया है और कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि, पुलिस ने जानकारी सामने आने के बाद नई सड़क इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया. साथ ही पुलिस ने इस संबंध में लोगों से वीडियो फुटेज या फोटो उपलब्ध कराने की अपील की है, ताकि आरोपों की पुष्टि की जा सके.
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि शोभायात्रा के आयोजकों की ओर से एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि जब शोभायात्रा लौट रही थी, तब चंद्रेश्वर हाता के निकट नई सड़क के पास इमारतों की छतों से पत्थर फेंके गए. पुलिस ने बताया कि इलाके से भागते हुए कुछ लोगों का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद ये अफवाह फैल गई. पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में ऐसी कोई घटना नहीं मिली है... कोई घायल नहीं हुआ है, कोई हताहत नहीं हुआ है, न ही कोई वीडियो या रिकॉर्डिंग सामने आई है... हम वीडियो और सीसीटीवी के आधार पर हर तथ्य की पुष्टि कर रहे हैं. अगर घटना सच पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
किसी को नहीं लगे ईंट-पत्थर: पुलिस
डीसीपी ने बताया कि शिकायत के अनुसार, 'शोभायात्रा के बाद जब शोभायात्रा वापस लौट रही थी, तब इमारतों से श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया, जिसके बाद समस्या उत्पन्न हुई. हालांकि, अधिकारी ने कहा "प्रथम दृष्टया ये अफवाह प्रतीत होती है, क्योंकि किसी को ईंट या पत्थर नहीं लगे हैं.'
'नहीं हुई आरोपों की पुष्टि'
उन्होंने कहा, 'हमने उचित निरीक्षण किया है और सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की जांच की है, लेकिन अभी तक आरोपों की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है.'

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