काठमांडू से जाते समय शोभराज ने दी धमकी, नेपाल के खिलाफ करूंगा मानहानि का केस
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जेल प्रशासन ने 22 दिसंबर को शोभराज की रिहाई से इनकार कर दिया था. प्रशासन का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह उल्लेख नहीं है कि किस मुकदमे में रिहा करने को कहा गया. इसके अलावा शोभराज के वकीलों को भी मिलने नहीं दिया गया.
नेपाल की जेल में 19 साल से बंद बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज को शुक्रवार शाम को डिपोर्ट कर दिया गया. उसे त्रिभुवन एयरपोर्ट से कतर एयर के विमान में बैठाया गया. दोहा एयरपोर्ट से वह पेरिस के लिए फ्लाइट लेगा. चार्ल्स ने विमान में बैठने से पहले सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों से कहा कि वो फ्रांस जाकर नेपाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेगा.
बिकिनी किलर शोभराज ने कहा कि उसने लिखित में कहा था मीडिया/पत्रकारों को दूर रखा जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उसकी प्राईवेसी खत्म की गई. इसलिए वो नेपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगा. शोभराज ने ये भी कहा कि उसे अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा करना है. उसका कहना है कि अनुमति के बगैर जो पुस्तकें लिखी गई और पूछे बिना फिल्म और वेब सीरीज बनाई गई, उन सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा.
नेपाल में प्रवेश करने पर 10 साल का बैन
फ्रांस दूतावास ने शोभराज के नाम पर ट्रेवल डॉक्टयूमेंट इमीग्रेशन को पहले ही सौंप दिए गए थे. इससे पहले गृह मंत्रालय की एक आकस्मिक बैठक में शोभराज को डिपोर्ट करने और 10 साल तक नेपाल में दोबारा प्रवेश पर बैन लगाने का फैसला किया. नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने उसे जेल में उम्र पूरी कर लेने की वजह से रिहा करने का फैसला सुनाया था. कोर्ट के जज सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद श्रेष्ठ की बेंच ने शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया था.
जेल प्रशासन ने रिहा करने से कर दिया था इनकार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जेल प्रशासन ने 22 दिसंबर को शोभराज की रिहाई से इनकार कर दिया था. प्रशासन का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अस्पष्ट है. उसमें यह उल्लेख नहीं है कि किस मुकदमे में रिहा करने को कहा गया. इसके अलावा शोभराज के वकीलों को भी मिलने नहीं दिया गया. दरअसल चार्ल्स शोभराज पर कई मामले चल रहे हैं. इस समय शोभराज दो विदेशी युवतियों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहा था. इसके अलावा शोभराज एक हत्या के प्रयास और जेल में हुए मर्डर अटेम्ट मामले में भी दोषी पाया गया था.
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