
कांग्रेस ने G-23 गुट का मुद्दा दबाया, राजस्थान में 'ऑल इज वेल' का संदेश... CWC में फेरबदल के मायने
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कांग्रेस में शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था यानी सीडब्ल्यूसी में रविवार को बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शशि थरूर समेत 39 सदस्यों को कांग्रेस कार्य समिति में शामिल किया है. CWC में पायलट को शामिल करके पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा संदेश दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच तनाव को कम करने की कोशिश की गई है.
कांग्रेस ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की नई टीम का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आखिरकार राजस्थान गतिरोध को खत्म करने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने सचिन पायलट को CWC में शामिल कर राजस्थान में ऑल इज वेल का संदेश दे दिया है. चूंकि राजस्थान में अगले कुछ महीने बाद (नवंबर-दिसंबर 2023) विधानसभा चुनाव हैं. उसके बाद सचिन का AICC महासचिव बनना तय है.
पार्टी की कोशिश है कि चुनावी राज्य राजस्थान में शानदार वापसी की जाए और चुनावी विश्लेषकों को चौंका दिया जाए. हालांकि, ऐसा होता है तो सचिन एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाकर खुद को सीएम बनाने की लामबंदी कर सकते हैं.
'खड़गे ने मनाया और पायलट को दी जिम्मेदारी'
पिछले कई हफ्तों और महीनों से खड़गे राजस्थान में टकराव खत्म करने और शांति स्थापित करने के लिए जूझ रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने धुर विरोधी (पायलट) को प्रदेश अध्यक्ष या उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए तैयार नहीं थे. वहीं, खड़गे की योजना में सचिन को एक ऐसी संपत्ति के रूप में देखा जा रहा है, जिसकी उपयोगिता राजस्थान से बाहर तक फैली हुई है. जबकि सचिन कथित तौर पर गृह राज्य (राजस्थान) में एक बड़ी भूमिका चाहते थे. ऐसे में खड़गे लगभग एक अभिभावनक की तरह आगे आए और उनसे (पायलट) राजस्थान के बाहर एक भूमिका पर विचार करने का आग्रह किया.
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'G-23 गुट के नेताओं को भी मिली तरजीह'

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