
कमला हैरिस ने बाइडेन के इनकार के बाद 36 घंटे में ही अपने पक्ष में जुटा लिया बहुमत, बोलीं- ट्रंप को जरूर हराऊंगी
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राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को दोबारा चुनाव लड़ने से इनकार किया था. बाइडेन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया था जब रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के बाद अमेरिका की सियासत पूरी तरह से बदल गई थी. कई सर्वे में सामने आया था कि बाइडेन की उम्मीदवारी ट्रंप के मुकाबले कमजोर है.
अमेरिका में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन के अगले चुनाव लड़ने से इनकार किए जाने के बाद से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद की अगली उम्मीदवार कमला हैरिस हो सकती हैं. जो बाइडेन ने भी उनके नाम पर समर्थन दिया था. अब CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी का नामांकन जीतने के लिए पर्याप्त डेमोक्रेटिक प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल कर लिया है. कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए 1976 डेलिगेट्स से अधिक का समर्थन मिल चुका है.
क्या बोलीं कमला हैरिस बाइडेन के पीछे हटने के 36 घंटे के भीतर ही कमला हैरिस ने अपना पार्टी का समर्थन जुटा लिया है. इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'मुझे मेरी पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए आवश्यक समर्थन हासिल करने पर गर्व है. अगले कुछ महीनों में मैं देश भर में यात्रा करूंगी और अमेरिकियों से हर मुद्दे पर बात करूंगी. मुझे विश्वास है कि मैं अपनी पार्टी और देश को एकजुट करने के साथ ही ट्रंप को हराउंगी.'
रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन की तरफ से समर्थन हासिल करने के बाद मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए करीब 10 घंटे तक लोगों से फोन पर बात की थी. इस दौरान हैरिस ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन से भी बात की. हिलेरी क्लिंटन ने हैरिस की तारीफ में एक सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए उन्हें अपना समर्थन दिया.
उधर, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने हाल ही में जो बाइडेन के कामकाज की खूब तारीफ की थी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने सिर्फ चार साल में इतना काम किया है जितना कई राष्ट्रपति दो कार्यकाल में पूरा नहीं कर पाए हैं.
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बाइडेन की उम्मीदवारी पर उठे थे सवाल राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को दोबारा चुनाव लड़ने से इनकार किया था. बाइडेन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया था जब रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के बाद अमेरिका की सियासत पूरी तरह से बदल गई थी. कई सर्वे में सामने आया था कि बाइडेन की उम्मीदवारी ट्रंप के मुकाबले कमजोर है. यही नहीं कई डेमोक्रेटिक नेताओं ने भी बाइडेन की दोबारा उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए थे.

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