
कट्टर दुश्मन क्यूबा को ट्रंप ने बताया ‘ऑटिज्म-फ्री’, कितनी सच्चाई है इस दावे में?
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेने पर बच्चे में ऑटिज्म का खतरा रहता है. दिलचस्प ये है कि अपने इस क्लेम को साबित करने के लिए उन्होंने मिसाल भी क्यूबा की दी. वो देश, जिससे अमेरिका की कट्टर दुश्मनी रही. ट्रंप का कहना है कि क्यूबा में इस पेनकिलर का इस्तेमाल नहीं होता, इसलिए वहां की आबादी ऑटिस्टिक नहीं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नई-नई बातें कर रहे हैं. अब वे हेल्थ एक्सपर्ट भी बन गए. उन्होंने टायलेनॉल, जिसे पैरासिटामोल भी कहते हैं, उसे खतरनाक बताते हुए कहा कि गर्भवती अगर ये ले तो बच्चा ऑटिस्टिक हो सकता है. उनका कहना है कि इसे तभी इस्तेमाल करें, जब हाई फीवर हो और दूसरा कोई विकल्प न हो. अब तक दूसरी दवाओं से काफी सुरक्षित माने जाते पैरासिटामोल को लेकर उन्होंने कहा कि क्यूबा में इस दवा का उपयोग नहीं होता, लिहाजा वहां ऑटिज्म के केस नहीं.
क्या कहते हैं यूएस में ऑटिज्म पर आंकड़े
कई रिसर्चों और सरकारी आंकड़ों से लगता है कि अमेरिका में ऑटिज्म बढ़ रहा है. लेकिन ये साफ नहीं कि वाकई ये समस्या बढ़ी है, या उसकी पहचान जल्दी और ज्यादा हो रही है. साल 2021 में हर 36 में एक बच्चा ऑटिस्टिक पाया गया, जबकि एक साल बाद ही ये आंकड़ा बढ़कर 31 में एक बच्चे तक पहुंच गई. वहीं ढाई दशक पुराने डेटा देखें तो साल 2000 में 149 में ही एक केस पाया जाता था.
ये बढ़ता आंकड़ा देश पर दबाव डाल रहा है. इस बीच ट्रंप लगातार ऑटिज्म पर बोलने लगे. हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कह दिया कि गर्भावस्था के दौरान टायलेनॉल या पैरासिटामोल लेने से ऑटिज्म का जोखिम बढ़ सकता है. अपनी बात पर वजन के लिए ट्रंप ने क्यूबा का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि इस देश में नहीं के बराबर ऑटिस्टिक आबादी है क्योंकि वो टायलेनॉल खरीद नहीं सकता.
क्या है पैरासिटामोल
यह एक ओवर-द-काउंटर पेन किलर है, मतलब इसे खरीदने के लिए प्रिस्क्रिप्शन नहीं चाहिए होता है. इसे यूएस में टायलेनॉल या एसिटामिनोफेन और बाकी जगहों पर पैरासिटामोल कहते हैं. बुखार या दर्द होने पर आमतौर पर ये दवा लोग बिना डॉक्टरी सलाह के ले लेते हैं. अब ट्रंप का कहना है कि वे अमेरिकी डॉक्टरों से कहेंगे कि वे गर्भवती महिलाओं को ये दवा प्रिस्क्राइब करना बंद या कम कर दें.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







