
ऑपरेशन सिंदूर में सीजफायर क्यों हुआ? 25% भारतीय बोले- पिटे पाकिस्तान ने लगाई थी गुहार
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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 14 महीने उथल-पुथल भरे रहे हैं. जिनमें पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव और ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका के साथ रिश्तों में खटास आई है. ऐसे में देश का मूड क्या है? ये भांपने के लिए इंडिया टुडे ने सी-वोटर के साथ 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया है.
बिहार में इस साल के अंत (अक्टूबर-नवंबर) में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर राजनीतिक हलचल काफी तेज हैं. वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेनाओं ने आतंक के आका पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया. उधर, ट्रंप के भारी भरकम टैरिफ लगाने के बाद भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ गया है.
ऐसे में देश का मूड भांपने के लिए इंडिया टुडे ने सी-वोटर के साथ मिलकर 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया. सर्वे का सैंपल साइज 2,06,826 था. जबकि सर्वे की तारीख 1 जुलाई 2025 से 15 अगस्त 2025 के बीच रही. सर्वे के दौरान लोगों से पूछा गया कि पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर कैसा रिस्पॉन्स रहा?
इसे लेकर 55 फीसदी लोगों ने कहा कि ये बहुत मजबूत रिस्पॉन्स था. जबकि 15 फीसदी लोगों ने कहा कि ये सामान्य यानी पर्याप्त रिस्पॉन्स था, वहीं 21 फीसदी लोगों ने कहा कि ये कमजोर रिस्पॉन्स था.
मूड ऑफ द नेशन सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पारदर्शिता बरती? इस सवाल पर 54 फीसदी लोग सहमत हुए, उन्होंने कहा कि हां, सरकार ने पारदर्शिता बरती. वहीं 33 फीसदी लोगों ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पारदर्शिता नहीं बरती गई.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम के पीछे क्या वजह थी? इस सवाल के जवाब में 31 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी का फैसला था. वहीं 29 फीसदी लोगों ने कहा कि ट्रंप के दबाव की वजह से सीजफायर किया गया, वहीं 25 फीसदी लोगों ने कहा कि पाकिस्तान ने बुरी तरह पिटने के बाद सीजफायर की गुहार लगाई थी.
'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में जनता के सामने ये सवाल रखा गया कि क्या भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना चाहिए. इसे लेकर महज 25 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, भारत को पाकिस्तान के संग क्रिकेट खेलना चाहिए, जबकि 69 फीसदी लोग इसके खिलाफ हैं.

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