
एक शिवसेना के दो दावेदार... एकनाथ शिंदे या उद्धव ठाकरे, कौन होगा बाला साहेब की विरासत का हकदार?
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महाराष्ट्र की सत्ता के बाद अब लड़ाई पार्टी के लिए शुरू हो गई है. पार्टी मतलब शिवसेना. दरअसल जहां एकनाथ शिंदे शिवसेना पर अपना दावा कर रहे हैं, वहीं उद्धव ठाकरे के अपने दावे हैं. इसी बीच शिंदे ने सीएम बनने के बाद अपनी ट्विटर डीपी अपडेट कर दी है. इसके जरिए भी उन्होंने एक संदेश देने की कोशिश की है.
महाराष्ट्र में अब सियासी संकट का तूफान थम गया है. तस्वीर साफ हो गई है कि ऊंट किस करवट बैठ गया है. सूबे की कमान अब एकनाथ शिंदे के हाथों में हैं, जबकि डिप्टी सीएम का जिम्मा देवेंद्र फडणवीस संभालेंगे. 21 जून से महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक शुरू हुई थी. एकनाथ शिंदे बागी विधायकों को लेकर सूरत के रास्ते गुवाहाटी पहुंच गए थे. इसी दौरान शिवसेना को लेकर एक नई बहस शुरू हुई थी. क्योंकि एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों ही शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे का खेमा पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करने की तैयारी कर रहा है. इतना ही नहीं, शिंदे खेमा खुद को सच्चा शिवसैनिक और बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व का अनुयायी कहता रहा है. इतना ही नहीं, दोनों ही गुट बालसाहेब केशव ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो अब राजनीतिक संकट खत्म होने के बाद अगली लड़ाई चुनाव आयोग के सामने लड़ी जाएगी. क्योंकि अब दावा शिवसेना के सिंबल यानी चुनाव चिह्न धनुष और तीर के लिए किया जाएगा. हालांकि यह चुनाव आयोग ही निर्धारित करेगा कि चुनाव चिह्न किसे मिलेगा.
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एकनाथ शिंदे ने डीपी बदलकर की संदेश देने की कोशिश?
बाल ठाकरे की विरासत आगे बढ़ाने और शिवसेना पर अपना दावा ठोकने के क्रम में एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद ट्विटर की डीपी बदल ली. उन्होंने बाला साहेब ठाकरे के पैरों के पास बैठे हुए अपनी फोटो लगाई है. शिंदे ने बाला साहेब के साथ फोटो लगाकर महाराष्ट्र के लोगों को बड़ा संदेश दिया है. इतना ही नहीं, अभी तक जितनी भी बार शिंदे मीडिया के सामने आए, उन्होंने बार-बार बाला साहेब के हिंदुत्व की बात की है.

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